(चन्द्र मोहन ग्रोवर की विशेष रिपोर्ट-प्रैसवार्ता)
''देसा में देस हरियाणा, जहां दूध दही का खाना'' कहावत अब हरियाणा वासियों पर लागू नहीं होती, क्योंकि अब हरियाणा में बड़े पैमाने पर नकली दूध की वजह, दहीं, क्रीम व घी बिक रहा है। आक्सीटोसिन के टीकों से पशुओं का शोषण करके धीमी गति के जहर जैसा दूध दोधी क्रीम निकालकर धड़ल्ले से बेच रहे हैं और स्प्रेटा दूध को गाढ़ा करने के लिए यूरिया तक का प्रयोग करने से भी नहीं चूकते। इस तरह का दूध और उससे बनी वस्तुएं स्वास्थ्य के लिए क्षतिदायक हैं। हरियाणा राज्य के कई शहरों में नकली घी, पनीर इत्यादि का छोटी-छोटी फैक्ट्रीज पकड़ी भी गई है, मगर प्रदेश में बिक रहे सिन्थेटिक दूध की बिक्री को नहीं रोका जा रहा। केवल इतना ही नहीं दुकानों व जनरल स्टोर सहित ब्यूटी पार्लरों में नकली सौन्दर्य प्रसाधनों की खुली बिक्री हरियाणा के हर छोटे-बड़े शहर में हो रही है, जो न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि कई रोगों को भी निमंत्रण देती है। राष्ट्रीय स्तर पर सुप्रसिद्ध ब्रांड की ''हू-ब-हू'' नकल वाले सौन्दर्य प्रसाधन दिल्ली से लाकर पूरे प्रदेश में बेचे जा रहे हैं। नकली बीज, खाद व कीटनाशक दवाईयों की बिक्री से कृषि व्यवसाय निरंतर प्रभावित हो रहा है, जिससे किसान वर्ग को आर्थिक क्षति हो रही है। कृषि पैदावार कम होने के कारण दाम बढ़े हैं-जिससे महंगाई का सामना हर व्यक्ति को करना पड़ रहा है। पैट्रोल में डीजल, नकली ग्रीस व नकली मोविल ऑयल, नकली इंजन, नकली पुर्जों की बिक्री से वाहनों को निरंतर क्षति हो रही है और वातावरण में भी प्रदूषण बढ़ रहा है। चर्चा है कि कुछ पैट्रोल पम्प मालिकों ने चार-चार या इससे अधिक टैन्क भूमिगत बनाये हुए हैं, जिनमें एक-दो में शुद्ध पैट्रोल होता है और निरीक्षण की नौबत आने पर लाईन बदल पर शुद्ध पैट्रोल वाले टैंकों से सप्लाई कर दी जाती है। प्रदेश भर में ड्रग माफिया द्वारा नकली व नशीली जीवन रक्षक दवाईयों का जखीरा बहादुरगढ़, सिरसा, फतेहाबाद, डबवाली सहित कई शहरों में पकड़ा जा चुका है-जबकि राष्ट्रीय कंपनियों के लोकप्रिय ब्रांड के नाम पर नकली व मिलावटी दवाईयों की बिक्री बेरोक टोक जारी है। राज्य के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में नकली चिकित्सक अपना जाल बिछाये हुए स्वास्थ्य के साथ-साथ लोगों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। राज्य में नकली शराब की बिक्री भी होने की खबर है। शराब के ठेकेदार घटिया व मिलावटी तथा तस्करी की शराब बेच रहे हैं-जिनसे न सिर्फ शराब सेवन करने वालों को आर्थिक क्षति होती है-बल्कि उनकी आंखों व शरीर पर बुरा प्रभाव पडऩे के साथ-साथ नपुंसकता भी आ सकती है। प्रदेश में नकली हल्दी, मिर्च, मसालों की बिक्री न सिर्फ स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करती है, बल्कि कई बीमारियों की भी जन्मदाता बन रही है। नकली टैलीविजन, नकली घडिय़ां, नकली खल, नकली सी.डी. की बिक्री के साथ-साथ प्रदेश में नकली राजनेताओं की भी कमी नहीं है-जो विजयी किसी और राजनीतिक दल से होते हैं और गुणगान किसी ओर राजनीतिक दल का करते हैं। प्रात:काल चाय की चुस्कियों के साथ गुणगान किसी राजनीतिक दल का होता है और दोपहर में लंच के समय उस पर भद्दे-भद्दे आरोपों की झड़ी लगा देते हैं। सांयकाल को अपने कहे पर मुकर जाते हैं और रात्री को किसी अन्य राजनीतिक दल के नेताओं की बगल में बैठकर जनता की आशाओं और भावनाओं की खिल्ली उड़ाते हैं। इसी प्रकार राज्य में नकली डायर, नकली नम्बरों वाले वाहन, नकली संवाददाता, नकली ईंटें, नकली रंग-रोगन व चूना, नकली कारतूस, नकली ग्लूकोज, नकली चायपत्ती, नकली सीमेंट, नकली पुर्जे व नकली शर्बत इत्यादि की भी बिक्री बेरोकटोक जारी है।
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