करनाल(प्रैसवार्ता) एक ओर जहां नकली दवाओं नकली दवा विक्रेताओं और झोला छाप डाक्टरों की मार झेल रहा है। वहीं बलड़ी बाई पास और करनाल की पुरानी जेल के पास टेंटों में चल रहे खानदानी दवा खाने चर्चा का विषय बने हुये हैं। जीपों, मोटरसाईकिलों, मिनी बसों और कारों से सुसज्जित यह खानदानी दवा खाने पर्दे के पीछे क्या खेल रहे हैं यक एक गहरा रहस्य है। बलड़ी बाई पास पर करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन पर वर्षों से टैंटों में चल रहे इस दवाखाने की आड़ में यहां भरा पूरा परिवर है जिस में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। वैसे तो सबसे आगे टैंट में जड़ी बूटियों के जार भरे रखे हैं पर यहां असली धंधा नशीले पदार्थों की तस्करी का चल रहा है। वैसे दिन भर यहां पुलिस की जिप्सी खड़ी रहती है पर शाम ढलते ही यहां असली काम शुरू हो जाता है। राजस्थान पथ परिवहन की डीलक्स और वातानुकूलित बसों के इलावा राजस्थान से पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और जम्मू काश्मीर की ओर जाने वाली टूरिस्ट बसें रूकती हैं जिन के माध्यम से इस दवाखाने में नशीले पदार्थ आते हैं। इसी दवाखाने में नशीले पदार्थों की खेप पुरानी जेल के पास चल रहे खानदानी दवाखाने पर पहुंचती हैं। लगता है दवा खाने की आड़ में नशीले पदार्थों की तस्करी का धंधा चलाने वालों की पहुंच उपर तक लगती है। इसीलिए तो वहां से गुजरने वाले राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को शायद नींद आ जाती है जो उन्हें इतनी महंगी जमीन पर अतिक्रमण तक दिखाई नहीं देता। और तो और इन टैंटों में चल रहे दवाखानों में बिजली का प्रकाश भी होता है। अस्पताल संचालक कुंडी लगाकर बिजली चोरी करते हैं।
Wednesday, December 30, 2009
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