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Wednesday, October 21, 2009

जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी(पुलिस लाइन में पुलिस शहीद स्मारक दिवस मनाया गया)

सिरसा(प्रैसवार्ता) देश की आंतरिक सुरक्षा को कायम रखने के लिए अपना बलिदान देने वाले शहीदों की याद में आज पुलिस लाइन में पुलिस शहीदी स्मारक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एएसपी सज्जन सिंह, डीएसपी हैडक्वार्टर सतबीर सिंह श्योराण, एसएचओ सिटी हंसराज, एसएचओ सदर जगदीश चंद्र, सुरक्षा शाखा प्रभारी वीरेंद्र सिंह, लाइन अफसर रणबीर सिंह, जिला निरीक्षक पं. रामबिलास सहित विभिन्न पुलिस अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित करके शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया वहीं पुलिस कर्मचारियों की एक टुकड़ी ने बिगुल पर मातमी धुन बजाई। इससे पूर्व शस्त्र उल्टे करके शहीदों को सलामी दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया। सब इंस्पेक्टर अमित बेनीवाल ने कुर्बानी देने वाले शहीदों के नाम भी पढ़े। देश के लिए कुर्बानी देने वालों का इतिहास काफी पुराना है। वर्ष 1962 में 21 अक्टूबर को जब चीन ने भारत पर हमला करके लद्दाख चौकी पर 10 भारतीय जवानों को शहीद कर दिया था। इसके बाद से यह शहीदी स्मारक दिवस मनाया जा रहा है। इसके उपरांत हर वर्ष 21 अक्टूबर को देशभर में शहीदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन उन तमाम पुलिस व सेना अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी जाती है जो विभिन्न मोर्चों पर देश के लिए काम आए। आज जिन पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी गई उनमें असम के 18, बिहार के 15, छत्तीसगढ़ के 64, दिल्ली के 8, गुजरात के 7, जम्मू के 31, झारखंड के 52, कर्नाटक के 20, केरल के 1, मध्य प्रदेश के 12, महाराष्ट्र के 25, मणिपुर के 5, मेघालय के 2, मिजोरम के 5, पंजाब के 54, राजस्थान के 3, सिक्किम के 2, त्रिपुरा का 1, उत्तर प्रदेश के 99, उत्तराखंड के 15, प. बंगाल के 31, सीमा सुरक्षा बल के 74, सीआईएसएफ के 23, सीआरपीएफ के 81, आईटीबीपी के 33, एमएचए के 5, एनएसजी के 3, आरपीएफ के 36 व एसएसबी के 27 जवान शामिल हैं। ये सभी अधिकारी और कर्मचारी 1 सितंबर 2008 से 31 अगस्त 2009 के दौरान शहीद हुए थे। श्रद्धांजलि सभा में महाराष्ट्र के जांबाज पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे आईपीएस को भी विशेष रूप से याद किया गया। हेमंत करकरे ताज हमले में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे।

शोक सभा का आयोजन

सिरसा (प्रैसवार्ता) श्री सर्व सेवा संघ वैल्फेयर ट्रस्ट के जिला कार्यालय में आज ट्रस्ट के प्रधान पूर्ण चन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में हरियाणा जनहित कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वीरभान मेहता की माता श्रीमती लाजवन्ती देवी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। प्रधान श्री पूर्ण चन्द अरोड़ा ने कहा कि माता जी मेहता परिवार के लिए प्रेरणा की स्त्रोत थीं जिसका प्रमाण उनके परिवार के सदस्यों से मिलने पर दिखता है। परिवार का प्रत्येक सदस्य मृदुभाषी एवं परोपकारी है। यह सब कुछ माता जी की प्रेरणा काी ही परिणाम है। पारिवारिक तथा आध्यात्मिक क्षेत्र में भी वह एक सुलझी हुई महिला थीं। इन्होंने अपनी जीवन रूपी गाड़ी बड़ी सुचारू रूप से चलाई। उनके देहावसान के शोकस्वरूप ट्रस्ट के सभी सदस्यों द्वारा दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई तथा परमपिता परमात्मा से प्रार्थना की गई कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा उनके परिवार को इस असीम दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इस सभा में चेयरमैन श्याम बांसल, प्रदेशाध्यक्ष डा. गुरप्रीत, ललित सोलंकी, विरेन्द्र गोल्डी, जोगिन्द्र सोनी, ललित छिम्पा, सोनू व करण सङ्क्षहत अनेकों सदस्य उपस्थित थे। अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें : विरेन्द्र गोल्डी मो. 90176-66300

Monday, October 19, 2009

सब्जियों में भी जहर:क्या खांए?

चंडीगढ(प्रैसवार्ता) सब्जियों में कीटनाशकों के प्रभाव के चलते जनसाधारण के जीवन में भी जहर घुल रहा है- जबकि सब्जी उत्पादक ऊंचे दाम कमाने के चक्कर में सब्जियों पर अंधाधुंध कीटनाशक छिडक रहे है। कपास तथा चावल पर छिड़की जाने वाली थिमाट का प्रयोग किया जा रहा है, जिसका गोभी पर असर डेढ मास तक रहता है। इस प्रकार गोभी के सेवन के साथ साथ थिमाट का सेवन भी हो जाता है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने गोभी के लिए एंडो सल्फान तथा एमालिक्स की सिफारिश की है, मगर कुछ सब्जी उत्पादक कापर सल्फेट जैसे खतरनाक कीटनाशकों के इस्तेमाल से भी गुरेज नहीं करते। बैंगन को ज्यादा चमकीला बनाने के लिए मंडी में ले जाते समय मैथालीन में डूबो कर रखा जाता है और परिणामस्वरूप ग्राहक बैंगनों के साथ साथ गैंस, सिरदर्द, पेटदर्द जैसी बीमारियां भी लेते है। भारत में फ्रांसफॉनी लॉन 85 प्रतिशत जैसे करीब 40 कीटनाशकों पर पाबंदी है,मगर यही दवाएं डिब्बों पर कम प्रतिशत दिखाकर बेची जा रही है। एक कृषि विशेषज्ञ ने ''प्रैसवार्ता'' को बताया कि भारतवर्ष के करीब 5 प्रतिशत लोग कैमीकल,खाद और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण बीमार होते रहते है। खेतों में कीडे और खरपतवार रोक ने के लिए जिन मनमानी दवाओं का प्रयोग होता है, इससे कैंसर जैसी भयंकर बीमारियां हो रही है। पंजाब प्रदेश के मालवा क्षेत्र में ऐसी सब्जियों के सेवन के कारण 60 प्रतिशत से अधिक लोग कैंसर की चपेट में आ गए है। कीटनाशकों के अंधाधुंध छिडकान से अनाज में जहर तो ज्यादा समय तक रहता है, मगर सब्जियों में इतनी देर तक जरूर रहता है कि मनुष्य के पेट में आसानी से पहुंच जाता है। इस कृषि विशेषज्ञ की सलाह है कि सब्जियों के सेवन से पूर्व उनकी साफ -सफाई के साथ साथ जरूर धोना चाहिये।

अवैध वाहन लगा रहे है-राजस्व चूना

डबवाली(प्रैसवार्ता) सिरसा-डबवाली राष्ट्रीय मार्ग न:10 पर अवैध वाहनों की बढती संख्या से राज्य के राजस्व विभाग को प्रतिमाह लाखों रूपयों की क्षति हो रही है और इसके साथ ही यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो रहे अवैध वाहनों पर लगाम कसने में परिवहन पुलिस का यातायात विभाग असफ ल है, जिसके चलते अवैध संचालकों की पौ-बारह हो रही है। ऐसे अवैध वाहन न तो रोड टैक्स अदा करते है और न ही परमिट टैक्स। ''प्रैसवार्ता'' द्वारा एकत्रित की गई जानकारी मुताबिक जिला सिरसा में तीन दर्जन से ज्यादा वाहन रोजाना सवारियां ढोते है। अवैध वाहनों के कारण राज्य परिवहन निगम को क्षति उठानी पडती है, वहीं उसका खमियाजा बस परिचालकों को भुगतना पडता है, क्योंकि बुकिंग कम होने पर उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट खराब का भय बना रहता है। राज्य परिवहन में चालकों के कई पद रिक्त होने के कारण बस सेवा बाधित हुई है, जिसका अवैध वाहन भरपूर फायदा उठाते है और यात्री भी राज्य परिवहन की लचर सेवा की बजाय अवैध वाहनों को प्राथमिकता देने में लगे है।

Thursday, October 15, 2009

बसों पर काबिज है नीम-हकीमों का वर्चस्व

बठिण्डा(प्रैसवार्ता) देश-प्रदेश विज्ञान के इस युग में उन्नति कर रहे है-जबकि पंजाब प्रदेश की बस यात्राएं इसे झुठलाती है। पंजाब राज्य के बस अड्डों को देखकर यह आभास होता है कि पंजाब अभी भी असभ्य और जंगली युग में है। राज्य की ज्यादातर बसों में नीम-हकीम बेरोकटोक दवाईयां बेचकर न सिर्फ लोगों का आर्थिक शोषण करते है, बल्कि कई नई बीमारियों को जन्म देकर उनके स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। राज्य की बसों में हर छोटी बड़ी बीमारी की दवा बेचते नीम हकीम स्वास्थ्य विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हैं। किसी भी प्रकार का दर्द, आंखों का सुरमा, दंत मंजन, हाजमा चूर्ण, बालों में लगाने वाला तेल, खारिश की क्रीम इत्यादि बेचने वालों की राज्य में कमी नहीं है। इस प्रकार की दवाईयां बेचने वालों का न तो कोई अता-पता ठिकाना होता है और न ही दवा की कोई प्रमाणिकता। केवल इतना ही बस अड्डोंश् के भीतर की स्टालों पर खाद्य पदार्थ तथा पेय पदार्थों की गुणवत्ता घटिया स्तर के साथ-साथ महंगी होती है। स्वास्थ्य विभाग पंजाब की इस तरफ अनदेखी कई तरह के प्रश्र उत्पन्न करती है, क्योंकि हर ऐसा-गैरा बिना किसी मान्य डिग्री के डाक्टर बनकर दवाईयां बेच रहा है। इसी प्रकार खाने-पीने की चीजों की बिक्री पर भी स्वास्यि विभाग, पंजाब का ध्यान न देना जन साधारण के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कहा जा सकता है।

कांग्रेसी दिग्गजों का निस्काषन एक षडय़ंत्र

डबवाली(प्रैसवार्ता) हरियाणा प्रदेश कांग्रेस क मेटी द्वारा डबवाली के चार कांग्रेस दिग्गजों को निस्काषित करने पर आरोपों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने रवि चौटाला(निर्दलीय उमीदवार) के अक्तिरिक्त मलकीत सिंह गंगा, दीपक कौशल ऐडवोकेट तथा भोला राम ठेकेदार को 6 वर्ष के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दीपक कौशल ऐडवोके ट तथा भोला राम ठेकेदार ने कांग्रेस प्रत्याशी डा.के.वी. सिंह का इसे षडयंत्र बताते हुए कहा कि लगभग तीन दशक से कांग्रेस पार्टी के लिए कार्यरत उनसे उनका पक्ष तक नहीं पूछा गया और पार्टी आलाकमान मे एकतरफा फैसला सुना दिया, जिस पर पुर्नविचार होना चाहिये। भोला राम ठेकेदार ने स्वंय तथा अपने परिवार जनों को डा.के.वी.सिंह से जान-माल का खतरा बताते हुए उन्हे झूठे मामले में फंसा देने की भी शंका व्यक्त की। ठेकेदार ने कहा कि वह कांग्रेसी थे,है और रहेंगे, यदि डा.के.वी.सिंह उनसे सहयोग मांगेगे, तो वह अपने समर्थकों से विचार विर्मश उपरांत कोई निर्णय लेंगे। कांग्रेस के दोनों दिग्गजों दीपक कौशल ऐडवोकेट तथा भोलाराम ठेकेदार ने किसी अन्य पार्टी में शामिल होने से इंकार कर दिया।

प्रतिदिन देश में हो रही हैं सैंकड़ों भ्रूण हत्याएं

हिसार (प्रैसवार्ता) ''देसां में देस हरियाणा, जहां दूध दही का खाना'' की कहावत देने वाले हरियाणा प्रदेश में, जहां नशे का चलन बढ़ रहा है वहीं भ्रूण हत्या में निरंतर बढ़ रही संख्या के चलते भविष्य में युवकों के विवाह को लेकर होने वाली गंभीर समस्या को प्रदेशवासी व सरकार चिंतित तो है, मगर सक्रियता से इस ओर ध्यान न देने के कारण भ्रूण हत्याएं धडल्ले से हो रही है। हरियाणा सरकार ने भू्रण हत्या को रोकने के लिए एक कानून बनाकर अपना कत्र्तव्य निभा दिया है। मगर प्रदेश में ज्यादातर चिकित्सक सरकार के इस कानून की उल्लंघना करते प्रतिदिन सैंकड़ों भू्रण हत्याएं कर रहे है, और यदि यही सिलसिला एक दशक तक चलता रहा, तो दूसरे दशक तक पहुंचते पहुंचते एक तिमाही प्रदेश के युवक अविवाहत रह जाएंगे। अविवाहित युवकों का रूझान अपराधों की ओर बढेगा तथा प्रदेश में बलात्कार, दुष्कर्म आदि की घटनाओं में भी वृद्धि होगी। प्रैसवार्ता द्वारा दिए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि भू्रण हत्या के मामले में ग्रामीण क्षेत्र शहरों को पीछे छोड़ गए है और मुस्लिम, सिक्ख व अन्य वर्गों के लोग भी भू्रण हत्या की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है। हरियाणा सरकार ने भू्रण हत्या रोकने के लिए एक कानून बनाया है लेकिन उसकी पालना नहीं हो रही है। सरकार ने कई योजनाएं चलाकर भी भू्रण हत्या को रोकने के लिए भी कई प्रयास किए है, परन्तु यह प्रयास भी कारगर सिद्ध हो रहे है। पिछले पांच वर्षों में हरियाणा में 100 पुरूषों के पीछे 78 महिलाओं की दर निरंतर कम होकर 72 प्रतिशत पहुंच गई है और यदि यही रफ्तार चलती रही, तो यह आंकड़ा 60 प्रतिशत तक भी पहुंच सकता है। हरियाणा में मृत्यु दर के संबंध में भी पुरूषों की मृत्यु दर यदि 100 है तो महिलाओं की यह दर 63 प्रतिशत के करीब ही है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में अंध विश्वास की सोच के चलते भू्रण हत्या तेजी पकड़ रही है। जबकि प्रैसवार्ता को ज्यादातर लोगों ने इसके लिए कन्याओं की समाज द्वारा उपेक्षा को जिम्मेवार ठहराते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है, क्योंकि कानून बनाकर उसे लागू करवाना उसकी जिम्मेवारी है। कुछ महिलाओं ने प्रैसवार्ता को यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ही महिला कर्मचारी उन्हें भू्रण हत्या के लिए न केवल प्रेरित करती है, बल्कि मददगार भी बनती है। प्रदेश में लड़कियों की कम हो रही संख्या का एक दुखद पहलू यह भी है कि बीमार होने पर 80 प्रतिशत लड़कियों को अस्पताल नसीब नहीं होता, जबकि शेष लड़कियां अस्पताल तक पहुंच तो जाती है, मगर तब जब मौत करीब पहुंच चुकी होती है। दो दशक पूर्व 1981 की जनगणना के अनुसार एक हजार पुरूषों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 972 थी, जो आज कम होते होते 742 तक पहुंच गई है, और यदि भू्रण हत्या को रोकने के कारगर कदम न उठाए गए तो आने वाले दशक में यह आंकड़ा 600 तक पहुंच सकता है। वर्तमान की जन्म दर को देखने से पता लगता है कि भारतवर्ष में प्रति मिन्ट 400 के करीब महिलाएं गर्भवती होती है। 190 अनचाहे गर्भ को लेती है, 110 गर्भ से संबंधित बीमारियों का शिकार है, 40 प्रतिशत गर्भपात करवाती है और करीब एक प्रतिशत जन्म देते समय बच्चे को खो बैठती है या स्वयं मृत्यु का शिकार बन जाती है। निरंतर कम हो रही लड़कियों की संख्या के लिए भारतीय संस्कृति के पुराने रिवाज व मान्यताओं को ही दोषी माना जा सकता है। हमारे समाज में औरतों की भूमिका की अनदेखी की जा रही है जन्म लेने से पूर्व मृत्यु द्वार दिखा दिया जाता है और फिर भी यदि वह बचती बचाती दुनिया में आ ही जाए, तो वह समाज में फैली कुरीतियों का शिकार हो जाती है। कम हो रही संख्या में पुरूषों का हाथ नहीं है - बल्कि महिलाएं स्वयं ही अपनी नस्ल को समाप्त करने का मुख्य कारण बन रही है। कई बार सास भी पुत्ररत्न प्राप्ति के चक्कर में पुत्रवधु को गर्भपात के लिए विवश भी कर देती है। इस प्रकार गर्भपात से, जहां भू्रण हत्या होती है, वहीं कई बार गर्भपात करवाने वाली महिला की मृत्यु भी हो जाती है। भारतीय समाज में लड़कों के लालन-पालन, शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है - जबकि लड़कियों की तरफ कम। लड़के के बीमार होने पर हर तरह का उपचार करवाया जाता है, जबकि लड़की के बीमार होने पर उपचार की अनदेखी की जाती है। सरकार कानून बनाकर या महिलाओं को आकर्षित करने के लिए योजनाएं बनाकर अपनी जिम्मेवारी से नहीं बच सकती, बल्कि उसे कानून का पालन करवाने के लिए तथा भू्रण हत्या के लिए प्रेरित करने वाली सरकारी तंत्र पर कानूनी शिकंजा कसते हुए धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता लाने के लिए प्रयास करने चाहिए, ताकि भू्रण हत्या पर अंकुश लगाया जा सके, अन्यथा आने वाले समय में अविवाहितों के लिए लड़की ढूंढना टेढ़ी खीर साबित होगा।

चूहामार दवा बेचने वाला बना अरबपति

लखनऊ (प्रैसवार्ता) उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री राम अचल राजभर किसी समय चूहामार दवा बेचकर परिवार चलाते थे-जबकि वर्तमान में करोड़ों की अचल-सम्पति के मालिक हैं, जो भ्रष्टाचार और अवैध ढंग से बनाई गई है। इतना ही नहीं, इस मंत्री ने अपने परिजनों के नाम से भी काफी नामी-बेनामी सम्पति गैर कानूनी ढंग से एकत्रित की है। यह कहना है कि बार एसोसिएशन अम्बेडकर नगर का। एसोसियेशन के सचिव ने राज्यभर के संपतियों की जांच सी.बी.आई से करवाये जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है-जिसमें कहा गया है कि राम अचल एक भ्रष्ट नेता है और उन्होंने आय से ज्यादा संपति अपने पद का दुरुपयोग कर जमा की है। एसोसियेशन के सदस्यों का मानना है कि अनेक नेता व जन सेवकों के भ्रष्टाचार से अम्बेडकर नगर जिला का विकास अवरूद्ध हुआ है। अम्बेडकर नगर के इतिहास में अनेक लोकप्रिय शखिसयत हुई, किन्तु मंत्री राम अचल ने तो भ्रष्टाचार की हर कर दी। बार ऐसोसियेशन की सामान्य सभा की बैठक में भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ जंग छेडऩे का ऐलान किया गया और इसी के अन्र्तगत पहला निशाना राम अचल है। याचिका में कहा गया है कि एक भूमिहीन मजदूर के परिवार के राम अचल राजभर, जो खुद साईकल पर चूहेमार दवा बेचा करते थे, राजनीति में आये और वर्ष 1993 में विधायक बने, तो उन्होंने करोड़ों रुपयों की संपतियों अपने, परिवारजन तथा निकटतम रिश्तेदारों के नाम अर्जित कर ली। याचिका में राम अचल द्वारा थोड़े ही समय में अर्जित की गई अकूत संपतियों का ब्यौरा भी दिया गया है। ब्यौरे के मुताबिक मंत्री और परिवारजनों ने अपने आय से स्त्रोत से अधिक आय जैसे गाटा संख्या-184 क्षेत्रफल 4.007 हैक्टेयर, जो गांव बाराखान हासिमपुर, अम्बेडकरनगर में वर्ष 2005-5 में जमीन खरीदी। एक दो मंजिला मकान अम्बेडकर नगर के पॉश इलाके में राजभर के पुत्र संजय कुमार राजभर के नाम 26 नवंबर 2007 को खरीदा। एक आटा मिल एवं अजंता राईस मिल, जो अकबरपुर बरसारी रोड पर स्थित है, उसे राजभर और उसके पुत्र संजय कुमार ने मुकेश अग्रवाल से खरीद की। करोड़ों रुपयों के मूल्य की संपति ग्राम अटवारा अम्बेडकर नगर एवं ईंट का भट्टा पुत्र संजय कुमार के नाम खरीदा गया। संजय कुमार राजभर ने 10-12 दुकानें शहजादपुर-मालीपुर बाईपास पर सिंह मार्किट के सामने गयासुद्दीन से खरीदी गई। संजय कुमार ने करोड़ों रुपयों की संपति सरदार संतोष सिंह के पुत्र से खरीदी। इतना ही नहीं, अपने परिवार के नाम पर राजभर ने कुर्की बाजार से काफी भूमि खरीदी है। एक 4600 वर्गफुट का भूखंड राम अचल ने बुध विहार कालौनी चिनहट में खरीदा। एक तालाब गाटा संख्या 1444 क्षेत्रफल .961 हैक्टेयर गांव रिझौली अम्बेडकर नगर को पाटकर राजभर के प्रबंधक दया राम राजभर ने वहां बिल्डिंग का निर्माण करवा दिया। इन संपतियों के अतिरिक्त मंत्री, परिवारजन व रिश्तेदारों द्वारा अनेक बसें राजभर के विधायक व मंत्रीकाल में अर्जित की गई। जिक्रयोग है कि राम अचल राजभर के पूर्व में, जब वह बेसिक मंत्री थे, आवास पर सी.बी.आई ने छापा मारकर अवैध तरीके से अर्जित किये धन को जब्त किया था।

अंग प्रत्यारोण के लिए भेड़ें

नई दिल्ली(प्रैसवार्ता) बिट्रेन के निवादा विश्व विद्यालय के प्रौफेसर इस्माइल जनजानी ने अपने सहयोगी वैज्ञानिकों के साथ भेड़ की एक ऐसी आकृति विकसित की है, जिसमें मनुष्यों की कोशिकाएं मौजूद हैं, जिससे भेड़ों में इंसानी अंगों से मिलने-जुलते अंगों का निर्माण संभव हो सकेगा। ऐसे अंगों को जरूरत पडऩे पर जरूरतमंद इंसान में आसानी से आत्यारोपित किया जा सकेगा। प्रौ. जनजानी की इस खोज की दुनिया भर में अलोचना भी हो रही है, मगर अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे मरीजों के लिए एक वरदान होगा। दुनिया भर की अलोचना तथा कानूनी अड़चनों के चलते बिट्रेन के निवादा विश्वविद्यालय ने मानव कोशिकाओं युक्त भेड़ों का विकास किया है, जिनमें 15 प्रतिशत कोशिकाएं इंसानी शरीर की और 8.5 प्रतिशत कोशिकाएं जानवरों की है। इस शोध के क्षेत्र में उम्मीद की नई किरण है। इस तकनीक के जरिये किसी भी मरीज की अस्थिमज्जा से स्टेम कोशिकाओं को अलग कर उन्हें भेड़ के गर्भ में डाला जाता है, जो सभी अंगों में पहुंचती है। मेमने के पैदा होने के दो महीने बाद यकृत, हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क का विकास शुरू होता है और यह सभी अंग आशिक तौर पर इंसानी अंगों की तरह होते हैं। वैज्ञानिक जनजानी के मुताबिक, जिसे मरीज के अंग की जरूरत है, उसकी अस्थिमज्जा से स्टेम कोशिकाओं को जानवर के गर्भ में आवाहित कर मरीज की जरूरत के अनुरुप अंगों का निर्माण संभव है। वैज्ञानिक जन्जानी ने इस खोज पर 50 लाख पौण्ड खर्च किये हैं, जबकि सात वर्ष का समय खर्च हुआ है। भले ही इस शोध को लेकर प्रश्र उठ रहे हैं कि वैज्ञानिकों का सृष्टि नियमों के विरोध में काम करना उचित नहीं है, परन्तु बॉयलाजिकल ट्रैंड से जुड़े लोगों का मानना है कि भविष्य में इस आकार के प्रत्यारोपण के कारण विषाणु घातक भी हो सकते हैं या नहीं, इस पर शोध जरूरी है।

दहेज में नाग, बीन और पिटारा

लखनऊ(प्रैसवार्ता) सांप को देखकर आम आदमी भले ही सिर से पांव तक कांप जाता हो, लेकिन सपेरों के लिए तो सांप उनकी रोजी रोटी का साधन है और यही वजह से कि सपेरों में वधु पक्ष की हैसियत के अनुरूप अजगर, नाग, बीन और पिटारा देने की प्रथा है। वाइल्ड लाइफ ट्रेनिंग सेंटर कालगढ़ के निदेशक नरेन्द्र सिंह के अनुसार सपेरा जाति में रोजगार के लिए सांप की भूमिका सबसे अहम होती है। इसलिए विवाह के समय दहेज में अजगर, नाग, बीन और पिटारा देने की प्रथा है, जो लंबे समय से चली आ रही है और आज भी बरकरार है। तमिलनाडू में इरलू जनजाति के सपेरे जब पोंगल त्यौहार के समय समूह में जमीन के अंदर से सांप पकडऩे जाते हैं, तो सांप की ही तरह सर्पाकार चलते हैं। सपेरों के विषय में रोचक जानकारी देते हुए एक विशेषज्ञ श्री गुरमेल सिंह ने बताया कि, सांपों की घटती संख्या और वन्य जीव संरक्षकों के चलन कम होता चला जा रहा है। ऐसे में सपेरों के लिए आजीविका जुटाना भी मुश्किल है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए, सपेरों को सरकार की ग्रामीण पर्यटन योजना में शामिल किया गया है। योजना के तहत सपेरे ग्रामीण परिवेश को देखने के इच्छुक विदेशी पर्यटकों को सजी धजी भैंसा बुग्गी पर बिठाकर उन्हें अपनी बीन से कर्णप्रिय धुनें सुनाते है और हरे भरे खेतों के बीच बने कच्चे रास्तों से गुजरते हुए विदेशी मेहमान परंपरागत वेशभूषा पहने लोक कलाकारों के नृत्य और ठेठ भारतीय भोजन का आनंद लेते हैं। बिजनौर के दारानगर गंज के निवासी सपेरे भूरेनाथ का कहना है, कि आजकल सांपों को पकडऩे पर रोक और गांव-गांव में मनोरंजन के बढ़ते साधनों के कारण उनका पुश्तैनी धंधा चौपट हो गया है। यही वजह है कि कई सपेरे सांपों से अपना नाता तोड़कर मेहनत मजदूरी में लग गए। भूरेनाथ का कहना है, कि सरकार को सपेरों के कल्याण के लिए प्रयास करने चाहिए क्योंकि यह देश की एक प्राचीन धरोहर के रखवाले है, लेकिन इस दिशा में किसी में किसी तरह का सहयोग न मिलने के कारण आज लाचार होकर रह गए है। उनका कहना है कि, अगर यही हालत रही तो, वह दिन दूर नहीं जब नाग, बीन, पिटारी और सपेरे सब इतिहास की चीज बनकर रह जाएंगे।

शोक सभा का आयोजन

सिरसा(प्रैसवार्ता) श्री मारूति चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यालय में ट्रस्ट के प्रधान रमेश मेहता की अध्यक्षता में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में प्रोपर्टी डीलर एसोसिएशन के प्रधान मदन लाल सैनी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। प्रधान श्री रमेश मेहता ने कहा कि श्री सैनी एक प्रमुख समाजसेवी होने के साथ-साथ काफी मिलनसार थे तथा अपने नेतृत्व में उन्होंने ऐसोसिएशन को एक नया आयाम दिया। इसके अतिरिक्त श्री सैनी का सैनी समाज में भी एक अहम स्थान था। उनके देहावसान के शोकस्वरूप ट्रस्ट के सभी सदस्यों द्वारा दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई तथा परमपिता परमात्मा से प्रार्थना की गई कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा उनके परिवार को इस असीम दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इस सभ में रूपेश सिडाना, संदीप गोदारा, पृथ्वी सिंह जे.ई., मुकु ल तनेजा, विनोद जोशी, भूप सोनी एडवोकेट, जसपाल संधू एडवोकेट, मनोज सोनी, सांवरमल गुज्जर, रामप्रकाश तरीका, रमन मेहता, प्रवीन हिसारिया, सुभाष सिंगला, राजकुमार, कृष्ण कुमार, साहब राम जांगड़ा, दलीप सिंह ढुढाणा व अन्य सदस्य उपस्थित थे।

पदम जैन ने किया आभार व्यक्त

सिरसा(प्रैसवार्ता) कार्यकर्ताओं की समर्पित भावना से ओतप्रोत कार्यशैली, मतदाताओं के अपार स्नेह एवं आशीर्वाद तथा जिला प्रशासन की सतर्कता, बधाई एवं साधुवाद के पात्र हैं। इनेलो प्रत्याशी पदम जैन ने सिरसा विधानसभा चुनावों की पूरी व्यवस्था को सुचारू एवं शांतिपूर्व बनाए रखने के लिए उपरोक्त तीन स्तम्भों का ह्रदय से आभार व्यक्त करते हुए यह वक्तव्य दिया है। श्री जैन ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने पूरे चुनाव के दौरान अद्भुत क्षमता का परिचय दिया और जिस समर्पण भाव से उन्होंने अपने प्रत्याशी एवं पार्टी के लिए अथक मेहनत की है उसके वे कायल हैं और दिल से सभी के प्रति आभारी है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने अपने दायित्व एवं अधिकार को पूरी सक्रियता से निभाया तथा हर तरह की अफवाहों आदि से दूर रह कर शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न करवाने में अहम भूमिका अदा करके समाज के नव निर्माण एवं लोकतांत्रिक मूल्यों को समृद्ध किया है। श्री जैन ने कहा कि जिला प्रशासन ने भी पूरी चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण बनाए रखने में हर आवश्यक कदम उठा कर अपनी जिम्मेवारी का बखूबी निर्वहन किया है। उन्होंने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन ने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के जोश को सद्भावना से व्यक्त होने का अवसर दिया और उन्हें नियंत्रित भी रखा जिसके लिए उनकी कर्मठता बधाई की पात्र है। श्री जैन ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकार और छायाकार साथियों के सहयोग एवं चुनाव प्रक्रिया में योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि मीडिया ने अपनी पूरी जिम्मेदारी से हर पक्ष को महत्व दे कर लोकतंत्र के माथे पर विजय तिलक करके लोगों की लोकतंत्र के प्रति आस्था को मजबूत किया है। श्री जैन ने पूरी श्रद्धा के साथ जनता को नमन करते हुए बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार दीपावली का पर्व लोकतंत्र पर्व के साथ मनाया जा रहा है और जनता के आशीर्वाद और ईश्वर की कृपा से आने वाले कार्यकाल में क्षेत्र में राम राज्य स्थापित करने के लिए कार्य करेंगे तथा प्रतिदिन विकास का नया दीप जला कर लोगों के सम्मान को नई रोशनी प्रदान करेंगे।

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