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Wednesday, October 21, 2009

जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी(पुलिस लाइन में पुलिस शहीद स्मारक दिवस मनाया गया)

सिरसा(प्रैसवार्ता) देश की आंतरिक सुरक्षा को कायम रखने के लिए अपना बलिदान देने वाले शहीदों की याद में आज पुलिस लाइन में पुलिस शहीदी स्मारक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एएसपी सज्जन सिंह, डीएसपी हैडक्वार्टर सतबीर सिंह श्योराण, एसएचओ सिटी हंसराज, एसएचओ सदर जगदीश चंद्र, सुरक्षा शाखा प्रभारी वीरेंद्र सिंह, लाइन अफसर रणबीर सिंह, जिला निरीक्षक पं. रामबिलास सहित विभिन्न पुलिस अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित करके शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया वहीं पुलिस कर्मचारियों की एक टुकड़ी ने बिगुल पर मातमी धुन बजाई। इससे पूर्व शस्त्र उल्टे करके शहीदों को सलामी दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया। सब इंस्पेक्टर अमित बेनीवाल ने कुर्बानी देने वाले शहीदों के नाम भी पढ़े। देश के लिए कुर्बानी देने वालों का इतिहास काफी पुराना है। वर्ष 1962 में 21 अक्टूबर को जब चीन ने भारत पर हमला करके लद्दाख चौकी पर 10 भारतीय जवानों को शहीद कर दिया था। इसके बाद से यह शहीदी स्मारक दिवस मनाया जा रहा है। इसके उपरांत हर वर्ष 21 अक्टूबर को देशभर में शहीदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन उन तमाम पुलिस व सेना अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी जाती है जो विभिन्न मोर्चों पर देश के लिए काम आए। आज जिन पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी गई उनमें असम के 18, बिहार के 15, छत्तीसगढ़ के 64, दिल्ली के 8, गुजरात के 7, जम्मू के 31, झारखंड के 52, कर्नाटक के 20, केरल के 1, मध्य प्रदेश के 12, महाराष्ट्र के 25, मणिपुर के 5, मेघालय के 2, मिजोरम के 5, पंजाब के 54, राजस्थान के 3, सिक्किम के 2, त्रिपुरा का 1, उत्तर प्रदेश के 99, उत्तराखंड के 15, प. बंगाल के 31, सीमा सुरक्षा बल के 74, सीआईएसएफ के 23, सीआरपीएफ के 81, आईटीबीपी के 33, एमएचए के 5, एनएसजी के 3, आरपीएफ के 36 व एसएसबी के 27 जवान शामिल हैं। ये सभी अधिकारी और कर्मचारी 1 सितंबर 2008 से 31 अगस्त 2009 के दौरान शहीद हुए थे। श्रद्धांजलि सभा में महाराष्ट्र के जांबाज पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे आईपीएस को भी विशेष रूप से याद किया गया। हेमंत करकरे ताज हमले में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे।

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