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Thursday, October 15, 2009

बसों पर काबिज है नीम-हकीमों का वर्चस्व

बठिण्डा(प्रैसवार्ता) देश-प्रदेश विज्ञान के इस युग में उन्नति कर रहे है-जबकि पंजाब प्रदेश की बस यात्राएं इसे झुठलाती है। पंजाब राज्य के बस अड्डों को देखकर यह आभास होता है कि पंजाब अभी भी असभ्य और जंगली युग में है। राज्य की ज्यादातर बसों में नीम-हकीम बेरोकटोक दवाईयां बेचकर न सिर्फ लोगों का आर्थिक शोषण करते है, बल्कि कई नई बीमारियों को जन्म देकर उनके स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। राज्य की बसों में हर छोटी बड़ी बीमारी की दवा बेचते नीम हकीम स्वास्थ्य विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हैं। किसी भी प्रकार का दर्द, आंखों का सुरमा, दंत मंजन, हाजमा चूर्ण, बालों में लगाने वाला तेल, खारिश की क्रीम इत्यादि बेचने वालों की राज्य में कमी नहीं है। इस प्रकार की दवाईयां बेचने वालों का न तो कोई अता-पता ठिकाना होता है और न ही दवा की कोई प्रमाणिकता। केवल इतना ही बस अड्डोंश् के भीतर की स्टालों पर खाद्य पदार्थ तथा पेय पदार्थों की गुणवत्ता घटिया स्तर के साथ-साथ महंगी होती है। स्वास्थ्य विभाग पंजाब की इस तरफ अनदेखी कई तरह के प्रश्र उत्पन्न करती है, क्योंकि हर ऐसा-गैरा बिना किसी मान्य डिग्री के डाक्टर बनकर दवाईयां बेच रहा है। इसी प्रकार खाने-पीने की चीजों की बिक्री पर भी स्वास्यि विभाग, पंजाब का ध्यान न देना जन साधारण के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कहा जा सकता है।

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