सिरसा(हरियाणा)बठिण्डा(पंजाब)-(प्रैसवार्ता) भारत वर्ष का शायद ही कोई ऐसा महानगर या शहर होगा, जहां वैश्यावृत्ति का कारोबार बेरोकटोक न चलता हो। देश की राजधानी दिल्ली के अतिरिक्त कोलकाता, मुंबई, लखनऊ, पटना, चेन्नई, आगरा आदि ऐसे शहर हैं, जहां इस धंधे के बकायदा बाजार बने हुए हैं, जहां महिलाएं अपने देह का व्यापार करती है। हरियाणा राज्य का जिला सिरसा तथा पड़ौसी राज्य पंजाब का पड़ौसी जिला बठिण्डा इससे अछूता नहीं रहे। वैसे तो देह व्यापार एक दंडनीय अपराध है, परन्तु इस संबंध में लगने वाली कानूनी धारा ढीली है। देश के 60 वर्ष की स्वतंत्रता उपरांत भी इस सामाजिक बुराई पर अकुंश नहीं लगाया जा सका, बल्कि यह सामाजिक बुराई तीव्रता से आगे बढ़ती जा रही है। वर्तमान में तो ऐसी स्थिति हो गई है कि वैश्यावृत्ति का धंधा ग्रामीण क्षेत्रों में भी दस्तक देने लगा है। चिंता का विषय बना यह धंधा कानूनी की लचीली धारा तथा सरकारी तंत्री की संदिग्ध भूमिका की वजह से कारोबार बनता जा रहा है। बठिण्डा से सिरसा तथा सिरसा से बठिण्डा जाने वाली देह-व्यापारिनों के जगह-जगह पर अपने ठिकाने स्थापित कर लिये हैं-जबकि ब्यूटी पार्लर व शैक्षणिक संस्थाएं इस धंधे मं लिपटती जा रही हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता, कि इस धंधे को राजनेताओं तथा पुलिसिया तंत्र की सरपरस्ती हासिल है। देह व्यापार के धंधे से जुड़ी महिलाएं अक्सर बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, न्यायालय परिसर, मुख्य बाजारों में घूमती रहती हैं और रंगीन मिजाज व्यक्तियों को अपने जाल में फंसाने में तत्पर देखी जा सकती हैं। ''प्रैसवार्ता'' को मिली जानकारी अनुसार इस धंधे से जुड़ी महिलाओं का भाव उनकी आयु अनुसार होता है तथा एक रात के लिए एक हजार से पांच हजार रुपये तक लिये जाते हैं। ग्राहक कैसा है या एक से ज्यादा है, का भी मोलभाव अलग होता है। कुछ पेशेवर महिलाएं शराब सेवन के साथ-साथ कई पुरूषों से शारीरिक संबंध भी बनाने से गुरेज नहीं करती।
Monday, February 8, 2010
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