नोएडा(प्रैसवार्ता) सेक्स रैकेट माफिया के लिए सुरक्षित स्थान बन रहे नोएडा में देह व्यापार का कारोबार तेजी पकड़ रहा है। विदेशी स्टाईल में खेले जाने वाले ''की-थ्रो" गेम की शुरुआत का श्रेय भी नोएडा को प्राप्त है। नामी-गिरामी देह व्यापार के सरगना कैवजजीत, सोनू पंजाबिन, रीतिका ठाकुर, पंकज धीर और बाबा चोटीवाला को नोएडा पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी है। दिल्ली पुलिस के सख्त रवैये ने सेक्स रैकेट माफिया का रूझान नोएडा की तरफ मोड़ दिया है। शिवेन्द्र बाबा की गिरफ्तारी से दिल्ली पुलिस को एक दर्जन से ज्यादा ऐसे ठिकानों की जानकारी मिली है-जो नोएडा से संबंधित है, जहां विदेशी लड़कियों का रैकेट भी चलता है। ''प्रैसवार्ता" को मिली जानकारी अनुसार नोएडा के कुछ सैक्टरों में चल रहे ब्यूटी पार्लर कोड वर्ड से इस धंधे को चला रहे हैं। रंगीन मिजाज लोग ब्यूटी पार्लर में कोड वर्ड बताकर अपनी मन पसंद लड़की का चयन कर सकते हैं। नोएडा के ही सैक्टर 15 ऐ से टोल पुल, सैक्टर 37 से रैस्ट हाऊस, सैक्टर 62 से खोड़ा रोड, कालिंदी कुंज मार्ग, एक्सप्रैस वे पर भी जिस्मफरोशी धंधे के सौदागर मिल जाते हैं, मगर उन्हेें भी कोड वर्ड या किसी विशेष संकेत का सहारा लेना पड़ता है।
क्या है 'की-गेम खेल': पश्चिमी सभ्यता की तर्ज पर नोएडा के कनॉट सैक्टर-18 में 'की-थ्रो' गेम खेला जाता था। जिस बार में यह गेम चलता था, उसका लाईसैंस निरस्त तथा गेम भी बन्द किया जा चुका है। इस गेम के तहत जोड़े में मर्द अपनी अपनी गाड़ी की चाबी को गोल टेबल पर रखकर घुमाते हैं तथा उसके बाद जिस व्यक्ति के पास, जो चाबी आती है, उस चाबी की मालकिन बेझिझक चाबी पाने वाले के साथ रात्रि में हम बिस्तर बनती है।
क्या है 'की-गेम खेल': पश्चिमी सभ्यता की तर्ज पर नोएडा के कनॉट सैक्टर-18 में 'की-थ्रो' गेम खेला जाता था। जिस बार में यह गेम चलता था, उसका लाईसैंस निरस्त तथा गेम भी बन्द किया जा चुका है। इस गेम के तहत जोड़े में मर्द अपनी अपनी गाड़ी की चाबी को गोल टेबल पर रखकर घुमाते हैं तथा उसके बाद जिस व्यक्ति के पास, जो चाबी आती है, उस चाबी की मालकिन बेझिझक चाबी पाने वाले के साथ रात्रि में हम बिस्तर बनती है।
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