सिरसा(प्रैसवार्ता) भ्रष्ट अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर शिकंजा कसने वाला राज्य का चौकसी विभाग कन्फैड घोटाले की जांच को लेकर विवादों में आ गया है। उल्लेखनीय है, कि वर्ष 2003 से लेकर 2007 तक गेहूं की धुलाई में हुए करोड़ों रुपयों के घपले उजागर होने से कन्फैड विभाग द्वारा जांच विजीलैंस को दिये जाने की घोषणा की थी, मगर जांच का विभागीय स्तर तथा विजीलैंस विभाग के ठंडे बस्ते में जाने से कई प्रश्र चिन्ह उत्पन्न हो गये हैं। कन्फैड सिरसा के अधिकारियों की मिलीभगत से ट्रैक्टर-ट्रालियों व स्कूटर पर गेहूं ढुलाई का भुगतान किया गया है-जबकि वाहन पंजीकरण प्राधिकार कृषि कार्यों के लिए प्रयोग होने वाले ट्रैक्टर-ट्रालियों को व्यावसायिक प्रयोग की अनुमति नहीं थी-जबकि ट्रैक्टर-ट्राली के व्यावसायिक प्रयोग के लिए बकायदा निर्धारित फीस अलग से देनी होती है। सिर्फ इतना ही नहीं, कन्फैड के सरकारी तंत्र द्वारा एक स्कूटर पर गेहूं ढुलाई के बिलों का भुगतान करके अनूठी मिसाल पेश की है। इस घपले की अखबारी चर्चा उपरांत कन्फैड के अधिकारियों ने विजीलैंस जांच के आदेश देने की बात कहकर चुप्पी साध ली थी, मगर वह जांच किस दिशा में चल रही है, किसके द्वारा की जा रही है, स्वयं में कई सवाल खड़े कर रही है।
Tuesday, March 9, 2010
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