आवश्यक नोट:-प्रैसवार्ता का प्रैस मैटर छापते समय लेखक तथा एजेंसी के नाम के अक्तिरिक्त संबंधित समाचार पत्र की एक प्रति निशुल्क बजरिया डाक भिजवानी अनिवार्य है

Saturday, January 9, 2010

समाचार पत्र/पत्रिकाएं ग्राहक भी होते हैं

कई छायाचार पर पत्र/पत्रिकाएं लेखकों, स्वतंत्र पत्रकारों से प्रकाशन सामग्री लेकर अच्छा परिश्रामिक देती हैं। ऐसी स्थिति में प्रकाशन सामग्री प्रेषित करने वालों को उस समाचार पत्र/पत्रिका के स्तर पर जरूर ध्यान रखना चाहिए कि वह कैसी प्रकाशन सामग्री चाहते हैं। हर समाचार पत्र/पत्रिका की आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं और लगभग सभी समाचार पत्रों व पत्रिकाओं की नीतियां विभिन्न-विभिन्न हैं। अत: किसी भी परिश्रामिक देने वाली पत्रिका या समाचार पत्र की नीति, स्तर व जरूरतों के बारे में जानकारी होनी अति अनिवार्य है। प्रैसवार्ता न्यूज फीचर्स सर्विस के सौजन्य से दी जा रही इस विषय पर जानकारी के लिए यह जरूरी है कि सामयिक लेख, टिप्पणी, क्षेत्रीय वार्ता पत्र (न्यूज लैटर), विशेष वातापत्र, फिल्म समीक्षा, व्यंग्य चित्र, टी.वी. व रेडियो की समीक्षा के अतिरिक्त कविताएं, कहानियां ज्ञान-विज्ञान, मनोरंजन, कला व संस्कृति पर लेख, पुरस्तक समीक्षा, साक्षात्कार, कृषि उद्योग, व्यापार आदि पर लेखों को समाचार पत्र/पत्रिकाएं प्राथमिकता देती हैं।
डायजैस्ट पत्रिकाएं: जहां ज्ञान-विज्ञान, मनोरंजन पर साहित्य, कहानियां, कविताएं, हास्य, व्यंग्य, आकर्षक छाया चित्र व रंगीन पारदर्शियां, फोटो फीचर को प्राथमिकता देती है, वही खेल पत्रिकाएं खेल समाचार, खेलों के छाया चित्र, खिलाडिय़ों से साक्षात्कार, खेल व लेख व व्यंग्य चित्र आदि को उचित स्थान देती है। फिल्मी पत्रिकाएं, फिल्मी कलाकारों के छाया चित्र, साक्षात्कार, फिल्मी लेख व समाचार और फिल्मी समीक्षाएं छापती हैं-वहीं साहित्यक पत्रिकाएं कहानियां, कविताएं, गीत, गजलें, पुस्तक समीक्षा व साहित्य पर लेख, विज्ञान पत्रिकाएं, विज्ञान संबंधी सामग्री तथा व्यापार व उद्योग पत्रिकाएं व्यापार व उद्योग पर सामयिक लेख, समाचार, सर्वेक्षण व परिचर्चा को प्राथमिकता देती है।
समाचार ऐजन्सियां: समाचार, समाचार फोओ, समाचार छाया चित्र, सामयिक लेख, वार्तालाप, साक्षात्कार, विशेष समाचार पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों को प्रेषित करती हैं- वहीं फोटो एजेंसियां समाचार छाया चित्र, प्रसिद्ध व्यक्तियों के छाया चित्र, आकर्षक व्यक्तित्व के छाया चित्र, प्रसिद्ध स्थलों के छाया चित्र, पशु, पक्षी व प्राकृतिक दृश्यों के छायाचित्र व रंगीन पारदर्शियां इत्यादि। कुछ समाचार पत्र/पत्रिकाओं व समाचार एजेंसियों को प्रेषित प्रकाशन सामग्री पर उचित परिश्रामिक मिलता है। अत: ऐसे समाचार पत्र/पत्रिकाओं व समाचार एजेंसियों को ही प्रकाशन सामग्री का प्रेषण लाभदायक है। -प्रस्तुति प्रैसवार्ता (रजि.)

No comments:

Post a Comment

YOU ARE VISITOR NO.

blog counters

  © Blogger template On The Road by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP