जाने-माने पत्रकार चन्द्र मोहन ग्रोवर के अनुसार वर्तमान युग में एक सही व स्वस्थ पत्रकार का दायित्व बड़ा अह्म है। अगर वह अपने दायित्व के प्रति पूरी तरह से ईमानदार है, तो उसकी कलम को चूमने वाले हजारों पाठक हर समय तैयार मिल सकते हैं और यदि वह पत्रकारिता को अपना व्यवसाय शौं या समाज में अपनी पैठ बनाने, कृत्रिम रौब डालने के लिए करता है, तो वह पत्रकारिता की बदौलत मिलने वाले सम्मान का हकदार नहीं है। सम्मान का सही हकदार तो वह, जो स्वस्थ, स्वच्छ व सत्य लेखनी का स्वामी है, क्योंकि वर्तमान में पाठक इतना जागरूक हो चुका है कि वह सत्य या असत्य की पहचान रखने में सक्षम है। साहित्य और पत्रकारिता में प्राथमिकता संबंधी पूछने पर पत्रकार श्री ग्रोवर का जवाब था कि दोनों के अलग-अलग रास्ते हैं। साहित्य, जहां मन की गहराईयों से फूटता है, वहीं पत्रकारिता सामायिक विषय, परिस्थितियों, विस्फोटों, अचानक घटित राजनीतिक गतिविधियों, देश-विदेश की घटनाओं को प्राथमिकता देती है। पत्रकारिता की कवरेज सामयिक और निश्चित समय के लिए होती है। जबकि रचना हमेशा के लिए, क्योंकि साहित्य इतिहास है और पत्रकारिता सामयिक। साहितय और पत्रकारिता में किसके पाठक ज्यादा और किसे लोकप्रिय मानते हैं, प्रश्र के उत्तर में श्री ग्रोवर का कहना है कि दोनों के अपने-अपने पाठक हैं। एक तरफ जहां साहित्य का घेरा विशाल और चिरंजीवी है, वहीं पत्रकारिता का क्षेत्र मात्र शिक्षित लोगों तक ही सीमित है। साहित्य आत्मा की खुराक है, तो पत्रकारिता शरीर की। ऐसी स्थिति में आत्मा की खुराक ज्यादा सकून। ऐसे पत्रकार कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुए कलम का प्रयोग करते हैं-जिन्हें खरीदना या दबाना मुश्किल होता है। भविष्य में पत्रकारिता के बारे में पत्रकार श्री ग्रोवर की सोच है कि देश-विदेश की परिस्थितियां हलचल मचाये हुए हैं और हर देश आर्थिक व राजनीतिक तौर पर आगे बढऩे की होड़ से ग्रस्त है। इसी प्रकार आने वाले युग में पत्रकारिता की भूमिका और ज्यादा अह्म हो जायेगी, क्योंकि पत्रकार की कलम करोड़ों अखबारी पाठकों को जागरूक करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभायेगी। भविष्य में पत्रकारिता का स्तर धीरे-धीरे संवरता जायेगा, क्योंकि आज का पत्रकार अपने दायित्व को समझने का यदि प्रयास करे, तो यह पत्रकारिता क्षेत्र के लिए सुखद होगा, अन्यथा जागृत समाज दायित्वहीन पत्रकारों को दायित्व सिखाने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर विवश होगा। सी.एम ग्रोवर (प्रैसवार्ता)
Wednesday, January 20, 2010
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