शब्द: सरल, परिचित, प्यारे, सार्थक, स्टीक व चित्र बना देने वाले होने चाहिए, जबकि सामाजिक व घरेलू शब्द से परहेज करना ठीक है।
मुहावरे: चुभने वाले व सुबोध भले ही हैं, मगर बाजारू नहीं होने चाहिए।
वाक्य: छोटे, क्रमिक, पूर्ण सार्थक व एकसूत्र होने चाहिए।
अनुच्छेद: छोटे, विषय अनुसार, महत्व में क्रम, सक्रिय, सुबोध तथा निरामिक है।
लेखन: साधिकार, सौद्येश्य, दृष्टिकोण स्पष्ट, शैली वार्ता, भाषा सरल व प्रवाह, आलोचना हो, पर आरोप नहीं, व्याख्या हो, वृत्तान्त नहीं तथा सलाह अप्रत्यक्ष हो। प्रस्तुति-प्रैसवार्ता
Saturday, January 9, 2010
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