कलम के सिपाही स्याही का ऐसा प्रयोग करें, कि मात्र चंद बूंदे ही लाखों लोगों के मुंह में जुबान डालने का काम करें।
किसी भी देश या क्षेत्र के लिए वह समय सबसे दुर्भाग्य पूर्ण होता है-जब प्रैस भी सत्ता के गठजोड़ का एक हिस्सा बन जाता है।
क्षेत्रीय प्रैस की भूमिका कहीं ज्यादा होती है, क्योंकि इसी से तय होती है-राष्ट्रीय प्रैस की दिशा।
क्षेत्रीय प्रैस हो या राष्ट्रीय, उसका केवल इतना ही काम नहीं, कि वह राजनेताओं का ही गुणगान करते रहे, बल्कि प्रैस की असली जिम्मेवारी तो वह दर्पण बनना है-जो जनता के साथ किए गए वायदों को उजागर करें।
-प्रैसवार्ता न्यूज सर्विस
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