बठिण्डा(प्रैसवार्ता) शहर सिरसा में मौत का नंगा नाच नचाने वाली अनेक कारें धड़ल्ले से घूम रही हैं, जो कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर अमूल्य जिदंगियों को मौत के आगोश में ले जा सकती है। एल.पी.जी गैंस से चलने वाली यह कारें किसी भी क्षण एक धमाके के साथ किसी भी अप्रिय हादसे को जन्म दे सकती है। मजेदार बात यह है कि ऐसी कारें बनाने वाले बकायदा इश्तिहार बाजी करके कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं। गैंस चलित इन कारों में रसोई गैस का प्रयोग किया जा रहा है, जो कभी भी क्षतिदायक हो सकता है। ''प्रैसवार्ता'' को मिली जानकारी अनुसार वास्तविक तकनीक के अनुसार यह कारें सी.एन.जी. गैंस से चलनी चाहिये, मगर सी.एन.जी महंगी होने के कारण ज्यादातर लोग रसोई गैस का इस्तेमाल करते है। केवल इतना ही नहीं, सी.एन.जी से चलाई जाने वाली कारों को गैंस चलित बनवाने के लिए 20-25 हजार रुपये का खर्च होता है, मगर बठिण्डा में विदेशी नकल पर देसी तकनीक से कारों को गैंस चलित बनाने पर मात्र 5 से 7 हजार रुपये का खर्च आता है। देसी तकनीक घातक सिद्ध हो सकती है, क्योंकि इस प्रणाली से कारों में गैंस का रिसाव सदा रहता है, जो किसी भी समय दुर्घटना होने की स्थिति में फट सकता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने एक आदेश में शहरों में होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए सी.एन.जी से वाहन चलाने को कहा है, मगर बठिण्डा में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की उल्लंघना हो रही है।
Friday, January 22, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment