छिंदवाड़ा(प्रैसवार्ता) विभिन्न कारणों से अपनी पढ़ाई को बीच में ही त्याग चुके 8 वर्ष ऊपर की आयु के बच्चों में अपने साथी छात्रों से पढ़ाई में पिछडऩे को लेकर हीन भावना न आए इस दृष्टि से ब्रिज कोर्स नाम से सीधे इन शाला त्यागी बच्चों को आगे की कक्षाओं में प्रवेश देकर उनके रहने खाने तथा यूनिफार्म की व्यवस्था कर पढ़ाने का जो अभियान सर्व शिक्षा अभियान अवासीय ब्रिज कोर्स के माध्यम से चल रहा है वह अब बंद होने की कागार में दिखाई दे रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा इस पवित्र उद्देश्य को लेकर जो अभियान चल रहा है। वह अब शाला त्यागी बच्चों के अभाव में केवल औपचारिकता मात्र बनकर रह गया है। जबकि ऐसे समय में जब अधिकांश बच्चे अपनी पढ़ाई छोड़कर आज भी बाल मजदूरी करने को मजबूर हैं। यह स्पष्ट है कि सरकार की योजना और यह नीति केवल फाइलों में कैद है नहीं तो यह योजना सबसे ज्यादा सफल और फलीभूत होती आवश्यकता भी इसके व्यापक प्रचार प्रसार की बहरहाल अपनी सफलता की बांट जोह रही यह योजना शिक्षा विभाग से पर्याप्त प्रचार प्रसार की दरकार रख रही है।
Saturday, January 9, 2010
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