मेरी राय में पत्रकार बनने से पूर्व आदमी जो समझ लेना चाहिये, कि ये मार्ग त्याग का है, जोड़ का नहीं। जिस भाई-बहिन को भोग-विलास की लालसा हो, वह कोई धंधा करे और रहम करें, इस राम रोजगार पर। आदर्श पत्रकार ईमानदारी, पादरी, पीर, परमहंस सा नजर आता है, जो व्यक्तिगत सुख-दुख से उपर, किसी भी भीड़ में आसानी से पहचाना जा सकता है।
भाषा का ज्ञान पत्रकारिता की पहली शर्त है, घटनाओं के प्रति सजगता, घटना को समाचार की शकल देना आकर्षक शीर्षक लगाना, देश-विदेश की घटनाओं व समाचारों की नवीनतम जानकारी, सामान्य से प्रमुख व्यक्तियों से साक्षात्कार लेना, आलेख तैयार करना। संवाददाता सम्मेलन में व्यक्ति से प्रश्र करना, प्रभावी व्यक्तित्व, निर्भय, साहस से परिपूर्ण, प्रलोभन से दूर एक सफल पत्रकार के आवश्यक तत्व है।
पत्रकारिता एक पेशा नहीं, बल्कि यह तो जन सेवा का माध्यम है। राष्ट्रपति से लेकर सामान्य राहगीर के चरम सुख और दुख से संबंधित पत्रकारिता सार्वजनिक दायित्व से परिपूर्ण एक प्रकृष्ट कला है, जैसा कि पत्रकार कालाईल ने स्पष्ट कहा है कि ''महान है पत्रकारिता, लोकमानस को प्रभावित करने वाला होने के कारण पत्रकार क्या विश्व का शासन नहींÓÓ? वास्तव में रोचक एवं चुनौतीपूर्ण पेशे में वही सक्षम होगा, जिसमें कवि की कल्पना-शक्ति, कलाकार की सृजनात्मक योग्यता, न्यायाधीश की विषय निष्ठता, वैज्ञानिक की सुस्पष्टता और कम्प्यूटर मशीन की गति हो। ऐसे प्रतिभा सम्पन्न पत्रकार की ढेर सारे विषय में थोड़ा सा और थोड़ा सा के विषय में ढेर जा जानना चाहिए।
पत्रकारिता का प्राण तत्व समाचार है। मानव की ज्ञान पिपासा तब शांत होती है, जब वह समाचार सुन अथवा पढ़ लेता है। प्रात: कालीन नित्य क्रिया का एक अभिन्न अंग नये-नये समाचारों की जानकारी प्राप्त करना है, क्योंकि वह आधुनिक जीवन की एक जरूरत है। जिसमें सभी की रूची रहती है। पहले जब दो-चार व्यक्ति इक_े होते थे, तो धार्मिक व पारिवारिक चर्चा होती थी और अब आसपास, राष्ट्र, विदेश संबंधी समाचारों पर टीका टिप्पणी प्रारंभ हो जाती है। प्रैसवार्ता
भाषा का ज्ञान पत्रकारिता की पहली शर्त है, घटनाओं के प्रति सजगता, घटना को समाचार की शकल देना आकर्षक शीर्षक लगाना, देश-विदेश की घटनाओं व समाचारों की नवीनतम जानकारी, सामान्य से प्रमुख व्यक्तियों से साक्षात्कार लेना, आलेख तैयार करना। संवाददाता सम्मेलन में व्यक्ति से प्रश्र करना, प्रभावी व्यक्तित्व, निर्भय, साहस से परिपूर्ण, प्रलोभन से दूर एक सफल पत्रकार के आवश्यक तत्व है।
पत्रकारिता एक पेशा नहीं, बल्कि यह तो जन सेवा का माध्यम है। राष्ट्रपति से लेकर सामान्य राहगीर के चरम सुख और दुख से संबंधित पत्रकारिता सार्वजनिक दायित्व से परिपूर्ण एक प्रकृष्ट कला है, जैसा कि पत्रकार कालाईल ने स्पष्ट कहा है कि ''महान है पत्रकारिता, लोकमानस को प्रभावित करने वाला होने के कारण पत्रकार क्या विश्व का शासन नहींÓÓ? वास्तव में रोचक एवं चुनौतीपूर्ण पेशे में वही सक्षम होगा, जिसमें कवि की कल्पना-शक्ति, कलाकार की सृजनात्मक योग्यता, न्यायाधीश की विषय निष्ठता, वैज्ञानिक की सुस्पष्टता और कम्प्यूटर मशीन की गति हो। ऐसे प्रतिभा सम्पन्न पत्रकार की ढेर सारे विषय में थोड़ा सा और थोड़ा सा के विषय में ढेर जा जानना चाहिए।
पत्रकारिता का प्राण तत्व समाचार है। मानव की ज्ञान पिपासा तब शांत होती है, जब वह समाचार सुन अथवा पढ़ लेता है। प्रात: कालीन नित्य क्रिया का एक अभिन्न अंग नये-नये समाचारों की जानकारी प्राप्त करना है, क्योंकि वह आधुनिक जीवन की एक जरूरत है। जिसमें सभी की रूची रहती है। पहले जब दो-चार व्यक्ति इक_े होते थे, तो धार्मिक व पारिवारिक चर्चा होती थी और अब आसपास, राष्ट्र, विदेश संबंधी समाचारों पर टीका टिप्पणी प्रारंभ हो जाती है। प्रैसवार्ता
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