चंडीगढ़ (प्रैसवार्ता) हरियाणा राज्य के गठन से लेकर वर्तमान विधानसभा तक पहुंचने वाली महिलाओं ने एक दर्जन का आंकड़ा पार नहीं किया है, जबकि वर्ष 1967 से लेकर 2009 तक 11 विधानसभाओं के हुए चुनावों में 424 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था। वर्ष 1967 में 8 महिलाओं ने चुनाव लड़कर 4 पर जीत हासिल की, तो वर्ष 1968 में 12 महिलाओं ने चुनाव लड़कर सात पर जीत दर्ज की। 1972 में 12 महिलाओं ने अपना चुनाव भाग्य अजमाया और सफलता चार को मिली-जबकि 1977 में 20 महिलाएं चुनाव मैदान में आई, मगर 16 को पराजय का मुंह देखना पड़ा। 1982 में महिला उम्मीदवारों की संख्या 27 पर पहुंच गई थी, मगर सात को ही विधानसभा में पहुंचने का अवसर राज्य के मतदाताओं ने दिया। वर्ष 1987 में हुए विधानसभा चुनाव में 35 महिला प्रत्याशियों में मात्र पांच को सफलता हासिल हुई-जबकि वर्ष 1991 में 41 महिला उम्मीदवारों में से आधा दर्जन को मतदाताओं ने चुना। वर्ष 1966 में 93 महिलाओं में चार, वर्ष 2000 में 49 महिलाओं में से भी चार, वर्ष 2005 में 60 महिलाओं में से 11 तथा वर्ष 2009 में 67 महिलाओं में सिर्फ 9 को ही विधानसभा की सदस्यता मिली। वर्ष 2009 में कांग्रेस की सात सर्वश्री सावित्री जिंदल (हिसार), किरन चौधरी (तोशाम), गीता भुक्कल (झज्जर), शारदा राठौर (वल्लभगढ़), सुमिता सिंह (करनाल), अनिता यादव (अटेली), शकुन्तला (कलानौर) तथा इनैलो की सरोजमोर (नारनौंद) व भाजपा की कविता जैन (सोनीपत) हैं।
Friday, November 20, 2009
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