भारत में लोकसभा चुनाव 1952 में, जो अक्तूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक 4 मास 16 दिनों की सबसे लंबी अवधि में संपन्न हुए थे। निकोबार द्वीप का फलोवर गांव, 2004 तक हमारे देश का सबसे छोटा निर्वाचर क्षेत्र था, जहां पर केवल 10 मत थे।मतपत्र को डालने के साथ, अंगुली पर स्याही लगाने का सिलसिला 1962 के तीसरे लोकसभा चुनावों में शुरू हुआ था। सन् 1991 में दिल्ली के पूर्वी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के एक मतपत्र पर सबसे अधिक 303 नाम व चिन्ह छपे थे। सन् 1988 में मेघालय में खेरापाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से आजाद प्रत्याशी चैंबर लाइन मारक व कांग्रेस के प्रत्याशी रोस्टर संगमा को बराबर-बराबर मत मिले थे तथा हार-जीत का फैंसला टॉस द्वारा हुआ था। सन् 1989 में आंध्र प्रदेश के अन्नकपल्ली क्षेत्र से श्री के.रामाकृष्णन (कांग्रेस) अपने विरोधी निर्दलीय प्रत्याशी से केवल एक वोट से विजयी हुए थे। -विक्रम गुप्ता (प्रैसवार्ता)
Monday, November 16, 2009
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