बठिण्डा(प्रैसवार्ता) वर्तमान में जिला बठिण्डा सट्टेबाजों के शिकंजे में है, और यहां लाखों रुपयों का सट्टा हर रोज लग रहा है। जिला पुलिस प्रमुख ने भले ही अपराधी लोगों के खिलाफ एक अभियान छेड़ा हुआ है, मगर यह सत्य है कि मौड, तलवंडी साबो, रामा मंडी, संगत मंडी, रामपुरा फूल, गोनियाना सहित बठिण्डा शहर में सट्टेबाजी कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सट्टेबाजी का मुख्य सरगना सिरसा में है, और उसके करिन्दे पूरे बठिण्डा जिला में सक्रिय है-जिन्हें 10 से 20 प्रतिशत कमीशन मिलता है। सट्टेबाजी के करिन्दे खाईवाल के नाम से जाने जाते हैं। जो हर सांय एक निर्धारित जगह पर सट्टा लिखते हैं, जबकि सट्टा लगाने वाले सारा दिन काम काज छोड़कर साधु संत के सन्यासियों के पीछे घूमते देखे जा सकते हैं। पिछले दिनों में बठिण्डा पुलिस ने एक ऐसे ही बाबा पर शिकंजा कसा था, जिस कारण सट्टेबाजी पर कुछ रोक लग गई थी। पर अब यह कारोबार महिलाएं तथा स्कूली बच्चों के माध्यम से चलाया जा रहा है। पुलिस की इस संबंध में अनदेखी के चलते बठिण्डा में लोग सट्टेबाजी के चक्कर में फंस रहे हैं। एक सट्टेबाज ने प्रैसवार्ता को बताया कि सट्टेबाजी के करिन्दे पुलिस की परवाह नहीं करते, क्योंकि पकड़े जाने पर मामूली सजा का प्रावधान है। सट्टेबाजी के इस करिन्दे का काम पैन और सफेद कागज से शुरू हो जाता है और इससे उन्हें अच्छी आय हो जाती है, जबकि अन्य किसी धंधे में ज्यादा खर्च करके मुनाफा कम होता है। जिला बठिण्डा में तेजी से बढ़ रहे इस कारोबार पर समय रहते हुए यदि अंकुश न लगाया गया-तो इसके परिणाम हानिकारक हो सकते हैं।
Tuesday, November 17, 2009
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