शार्क मच्छी सबसे प्रसिद्ध समुद्री जीव है-जो करोड़ों वर्ष पूर्व होंद में आई। समुन्द्री जीवों में वेल शार्क और नीली वेल मच्छी से संसार में सबसे बड़े प्राणी के रूप में विशेष स्थान बनाया है। शार्क मच्छी को विज्ञान के आधार पर 250 किसम में बांटा गया है। जिनमें से कुछ तो मनुष्य के लिए खतरनाक सिद्ध होती है। साधारणतय सबसे लम्बी शार्क 18 मीटर लंबी होती है और सबसे छोटी सिपनी और लैपरड 8 से 10 मीटर लम्बी होती है-जो देखने में सुंदर दिखाई देती है। इसका मुंह आधे चाद जैसा लम्बा और पतला होता है। इसके तिकौने, नुकीले और आगे बढ़े हुए दांत, दो बड़े गिल, सुंदर आंखें और उपर की तरफ उठी पूंछ होती है। इसकी चमड़ी काफी सख्त होती है-जोकि अन्य प्राणियों की बदौलत कुदरत की विशेष देन है। अक्सर देखने में शार्क मच्छियों जैसी ही लगती है, इनका रंग क्रीम, नीला, भूरा, पीला और स्लेटी होता है। शार्क छोटी शर्क, आकटोम्स मच्छियों शैल इत्यादि का शिकार करती है। विशेषज्ञों के अनुसार सफेद शार्क को सबसे ज्यादा खतरनाक माना गया है। इसे आदमखोर का नाम भी दिया गया है। दरअसल में यह अपने शिकार पर बिजली की तरह पड़ती है और यदि शिकार दौरान कोई तैराक भी आ जाये, तो वह भी इनका भोजन बन जाता है, क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि शार्क मच्छी भोजन दौरान कोई सोच-विचार नहीं करती। शार्क मच्छी दूसरों से जरा अलग प्रकार की होती है, क्योंकि उसका पिंजर हड्डियों की बजाये कारटीकल्ज का बना होता है। इसकी विशेषता यह है कि वह किसी घायल या कांटे में फंसी मच्छी की आवाज सुनकर तुरंत उसकी तरफ खिंचती चली जाती है। इसकी अनोखी बात यह है कि इसे सोने की जरूरत बहुत कम पड़ती है, इसलिए हर समय यह तैरती रहती है। यदि यह तैरना बंद कर दें, तो यह डूबकर समुंद्र की सत्ता पर पहुंच जाती है। यही विशेषता ही अन्य मच्छियों से अलग पहचान देती है। एक मादा शार्क एक वर्ष में करीब 50 हजार अंडे देती है। शार्क मच्छी के जबाड़े बहुत शक्तिशाली होते हैं और इनके बहुत ही तीखे दांतों की कई पक्तियां होती हैं। इनकी मदद से किसी भी चीज को चीरा जा सकता है। इस संबंधी एक रोचक तथ्य यह भी है कि, जब इनके दांतों की एक पंक्ति टूट जाती है, तो दूसरी अपने आप ही इसका स्थान ले लेती है। शार्क का जिगर उसके अमाशय के नीचे मुलायम भाग में होता है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जिगर में विटामिन एक की मात्रा ज्यादा होती है। इस जानकारी के बाद हजारों शार्क मच्छियां मनुष्य या शिकार बनी, जिससे एक बात तो शार्क मच्छी के समाप्त होने के आसार भी बन गए थे। -मंगत कुमार (प्रैसवार्ता
Friday, November 13, 2009
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