मंदसौर (प्रैसवार्ता) मध्यप्रदेष के मंदसौर जिला में एक ऐसा ग्राम भी है, जहां अपराध होने उपरांत पीडित को न्याय प्राप्ति के लिए न्यायिक प्रक्रिया की प्रतीक्षा नहीं करनी पडती। इस ग्राम में महादेव मंदिर का दरवाजा खुलते ही पीडित को न्याय मिल जाता है और दोशी को सजा। इस ग्राम की विषेशता है कि आज तक यहां का एक भी मामला अदालत तक नहीं पहुंचा और न ही करीब सौ वर्श से किसी ने षराब, मांस का सेवन किया है। इस ग्राम के लोग अपनी बेटी का रिष्ता भी इस षर्त पर करते हैं कि उनका दामाद या अन्य रिष्तेदार षराब पीकर इस ग्राम में नहीं आयेगा। सवासरा के निकट ग्राम ढाबला महेष में लगभग एक हजार वर्श पुराने महादेव मंदिर के सामने बर्जुग पंचायत बैठती है और मिन्टों में ही झगड़े का निपटारा हो जाता है। अपराधी षपथ उठाता है और मंदिर का दरवाजा खोलता है। यदि उसने अपराध किया हो, तो वह स्वीकार कर लेता है। ज्यादातर अपराधी तो पंचायत बैठने से पूर्व ही भागकर ग्राम छोड़ जाते हैं। महादेव की षपथ का उल्लंघन आज तक ग्राम के किसी भी व्यक्ति ने नहीं किया। पंचायत का निर्णय पूरा ग्राम मानता है।
Thursday, November 26, 2009
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