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Wednesday, November 18, 2009

भारतीय युवाओं का साथी बना एफएम रेडियो

संगीत के प्रति भारतीय युवाओं में जैसा जनून दिखता है, वैसा किसी देश के युवाओं में नही है। यहां तक कि इंडोनेशिया और फि लीपींस में भी नहीं। एशियाई देशों में कराए गए एमटीवी के सर्वे में यह बात साबित हो गई थी कि संगीत के प्रति बढ़ती दीवानगी की वजह क्या है? दरअसल काम के बढते दबाब और निधारित समय में लक्ष्य को पूरा करने के तनाव को दूर करने में संगीत की बड़ी भूमिका है। यही कारण है कि अब सिर्फ कारपोरेट बल्कि सूचना और प्रौद्योगिक के लोग भी संगीत सुनना पसंद करते है, क्योंकि यह भावनात्मक स्वर पर मन को शांत करता है। लिहाजा संगीत के लिए भारतीय युवा एमपी-थ्री, इंटरनेट या फि म्यूजिक वीडियों पर निर्भर नहीं है। प्रसारण में आए बदलाव के बाद तो एफ एम रेडियों उनका सच्चा साथी बन गया है। यह करोड़ों श्रोताओं के अकेलापन को भी दूर करता है। भारतीय महानगरों में एफ एम चैनलों की बढती संख्या से युवाओं का संगीत के प्रति रूझान पहले से अधिक बढ़ा है। चाहे वह कोई मुना भाई हो या कालेज का छात्र। रेडियों जॉकी पर हम फि दा है। फि ल्म 'लगे रहो मन्ुना भाईÓ में रेडियो जॉकी बनी विद्या बालन जब 'गुड मार्निंग मुंबईÓ बोलती है तो केवल अपने संजू बाबा बल्कि संजू बाबा बल्कि हर श्रोता उनके मोहपाश में बंध जाता है। आज एफ एम चैनल दिल्ली, मुंबई और कोलकात्ता होते हुए भोपाल से पटना तक अपनी पैठ बना चुके है। कई शहरों में एफ एम स्टेशन खोलने की तैयारी है। पिछले दिनों एक एफ एम चैनल और मार्किट रिसर्च र्म की ओर से कराए गए सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकलता है कि लोगों के जीवन में रडियों की खास जगह है, खास कर युवाओं में। लोग इस पर बालीवुड की गपशप के साथ साथ ताजा समाचार भी सुन रहे हैं। एफ एम ने आधी दुनियां के लिए भी जगह बनाई है। यानि एक ऐसा एफ एम चैनल जो सिर्फ महिलाओं के लिए है। चैनल 104.8 'म्याऊं एफ एमÓ तो अपने प्रसारण के साथ ही युवा महिलाओं और किशोरियों में लोकप्रिय हो गया है। इसके अलावा रेडियो सिटी 91.1 मेगा हर्ट्ज, रेड एफ एम 93.5, रेडियो मिर्ची 98.3, रेडियो वन एफ एम 94.3 आदि अनेक रेडियो चैनल दिल्ली के श्रोताओं में अपनी पहचान बना चुके है। ये तमाम एफ एम चैनल महज टाइम पास करने के लिए नहीं है बल्कि सच कहे तो हर श्रोता वर्ग के लिए कुछ कुछ जरूर है। एक बडा वर्ग सुकून के लिए एफ एम सुनता है वहीं युवा श्रोता नया संगीत सुनने के लिए एफ एम को ही माध्यम बनाते है। उनकी यही इच्छा पूरी करने के लिए मोबाइल कंपनिया एफ एम रेडियो ोन बाजार में उतार रही हैं। इन दिनों आप भारतीय महानगरों में युवाओं को मोबाइल पर एफ एम रेडियो सुनते देख सकते हैं। दिल्ली में म्याऊं एफ एम 104.08 के प्रति लगाव बढने की उम्मीद है। आज कल के जो युवा योग या प्राणायाम नही कर पाते, वे संगीत के जरिए मन की शांति को पाने का सहज करते हैं। यह तरीका काफ हद तक कारगर है। केवल आम जन बल्कि सुशिक्षित और अपने क्षेत्र में अव्वल लोग भी रेडियो सुन रहे हैं, चाहे वे गाडी चला रहे हो या पैदल कहीं जा रहे हो। अकेलापन महसूस करने वालो के लिए यही एक सच्च साथी है। कहीं जाने की जरूरत किसी से बात करने की जरूरत। बस एफ एम ट्यून कीजिए और रेडियो जॉकी पर प्यारी मजेदार बाते सुनिये। प्रेम में निराश हो तो 'लव गुरूÓ हाजिर है। घर से बाहर निकल रहे तो ट्रैफि का हाल बता कर आपको आग्रह करने वाला दोस्त मौजूद है। मन की कोई उलझन है तो उसे सुलझाने के लिए और सही सलाह के लिए मनोवैज्ञानिक भी आपके करीब है। किसी साथी या प्रेमिका या पत्नी से गल्तफ हमी हो गई है तो रेडियो जॉकी आपकी मदद के लिए तत्पर है, जो मीठा गीत सुनाकर संबंधो को सहज बना देते हैं। जब इतनी सारी खूबियां हो तो एफ एम रेडियो भला क्यों नही लोकप्रिय होगा। तेजी से बदलती दुनिया में अगर रेडियो में नए प्रयोग नही होते तो यह यकीनन लुप्त प्राय: ही हो जाता वैसे भी टीवी, इंंटरनेट और एमपी थ्री इसे निकलने के लिए आतुर था। मगर डिजीटल प्रसारण की नई तकनीक ने रेडियो को फि से चहेता बना दिया है और अब तो युवा विजुऊल रेडियो का बेसब्री से इंतजार कर रहे है, जिसमें श्रोता सिर्फ गाने सुनेंगे बल्कि उसके विजुऊल भी देख सकें गें। इस पर मौसम की जानकारी से संबंधित मानचित्र भी देखा जा सके गा। आज के समय में मोबाइल उपभोक्ता भी रेडियो का मजा उठा रहे है क्योंकि यह सिर्फ निशुल्क है बल्कि इसे साधारण से लेकर एफ एम ीचर वाले सस्ते मोबाइल से भी सुना जा सकता है। यानि यह क्या गरीब और क्या अमीर सबका अनुठा साथी है। सोच क्या रहे हैं, कोई भी पसंद का एफ एम ट्यून कीजिए न। -मनमोहित ग्रोवर (प्रैसवार्ता)

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