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Thursday, November 26, 2009

हृदय रोगों हेतु लाभकारी है पुदीना

हरी सुगन्धित पत्तियों वाले पुदीने से कौन परिचित नहीं है। गर्मी शुरू होते ही पोदीने की बहार जाती है। पोदीने में विटामिन ,बी,सी,डी, और के अतिरिक्त लोहा, फास्फोरस और कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। गर्मी में पोदीने का उपयोग बहुत लाभकारी होता है। पोदीना पाचक होने के साथ-साथ गर्मियों में ताप से बचाव करता है। पोदीने के पत्तों का रस, अर्क और तेल काम में लिया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है। पोदीना उदर रोगों के लिए भी लाभकारी होता है। छोटी-छोटी पत्तियों वाला पोदीना खुशबुदार होता है। जुकाम, खांसी, दमा, अजीर्ण, अफारा, उदरशूल, अतिसार है तथा कृमियों का नाश करने वाला होता है। पोदीने की पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लेप करने से मुंहासे तथा दाग धब्बे दूर होते है। पुदीने का रस एक चम्मच, शहद 2 चम्मच, नींबू का रस एक चम्मच मिलाकर पीने से पेट की गैस तथा वायु पीड़ा दूर होगी। पोदीने की पत्तियों को पानी में उबालकर पानी ठंडा कर कुल्ला करने से मुंह की दुर्गन्ध दूर होगी तथा मुंह में ताजगी आएगी। अंजीर के साथ पोदीने के पत्ते खाने से हिचकी बंद होती है तथा सीने में जमा हुआ बलगम साफ हो जाता है। पोदीने की पत्तियों को पानी में उबालकर भाप लेने से सर्दी- जुकाम में लाभ होता है। विषैले जीव ने जिस अंग पर डंक मारा हो, वहां पुदीना पीसकर लेप करें पुदीना 10 ग्राम तथा लाल शक्कर 20 ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से रोग दूर हो जाता है। पोदीने के पत्तों का रस पिलाने से हैजा, दस्त तथा उल्टी में तुरंत लाभ होता है। पुदीने की लुगदी घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है। जी मितलाने पर पुदीना पीसकर नींबू का रस तथा काला नमक मिलाकर खाने से लाभ होता है। नकसीर आने पर ठंडे पानी में पोदीने की अर्क डालकर पिलाएं। पुदीने की चटनी का नियमित सेवन करने से भूख खुलकर लगती हैं। -वंश जैन 'प्रैसवार्ता'

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