बठिण्डा(प्रैसवार्ता) पंजाब सरकार 26 अगस्त से पहले किराया एक्ट लागू कर देगी, अदालत ने इस प्रकरण में सरकार को निर्देश जारी किया है। अदालती निर्देश उपरांत सरकार गंभीर हो गई है। ''प्रैसवार्ता" को मिली जानकारी अनुसार अदालत ने याचिकाओं उपरांत इस मामले में बनी कमेटी की रिपोर्ट उपरांत 26 अगस्त तक इस एक्ट को लागू करने को कहा था। उक्त एक्ट लागू होने का मामला काफी समय से लटक रहा था। बेअन्त सिंह सरकार (1995) के समय तैयार किये गये इस एक्ट को राष्ट्रपति ने भी 1998 को स्वीकृति प्रदान कर दी थी। कैप्टन सरकार सरकार के कार्यकाल में भी यह मामला अटका रहा था, क्योंकि इस मामले में में दो याचिकाएं अदालत में दायर की गई थी, जिनमें से लुधियाना के वकील इंद्रजीत सिंह की ओर से 1878/2000 तथा मनजीत कौर द्वारा 2004/14281 की याचिका शामिल थी। इस प्रकरण में अदालती निर्देश न मानने पर एक अधिकारी की खिंचाई भी की गई थी। अगस्त 2009 में इस प्रकरण से संबंधित एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसने पश्चिमी बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान में जाकर पाया था, कि किराया एक्ट के अच्छे परिणाम हैं-जिनसे पालिका/निगमों को ज्यादा आय होगी। प्रदेश में अभी तक 1949 उपरांत उक्त कानून को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया, क्योंकि भारत-पाक विभाजन होने उपरांत पाकिस्तान से काफी संख्या में लोग भारत आये थे, जहां उनके रहने के लिए मकानों की कमी थी। इस पांच साल के लिए बढ़े कानून मुताबिक न तो किराया बढ़ाया जा सकेगा और न ही किरायेदार को निकाला जायेगा। ''प्रैसवार्ताÓÓ के अनुसार किराया एक्ट लागू होने से दुकानों के किराये में भी बढ़ौत्तरी होगी और शहरों में विकास गति तीव्रता लेगी। इस प्रकरण में गठित सुखबीर-कालिया कमेटी द्वारा एक हजार करोड़ से ज्यादा राजस्व आने की संभावना व्यक्त की है। इस संबंध में स्थानीय शासन और निकाय विभाग द्वारा भी सर्वेक्षण करवाया गया था, जिससे पता चला था कि राज्य में किरायेदारों की संख्या ज्यादा है। इस एक्ट को लागू करने के मामले में केन्द्र सरकार ने पंजाब सरकार को पुन:''यूजर चार्ज" लगाने को कहा था। इसमें किराया एक्ट लागू किये जाने की भी चर्चा है।
Saturday, June 12, 2010
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