मालेरकोटला(प्रैसवार्ता) भीषण गर्मी के बीच कोई तपती जमीन पर पेट के बल लेटकर जा रहा था, तो कोई ढोल की थाप और चिमटों की धुन पर मस्त हुआ बढ़ रहा था। बच्चे, युवा और बुजुर्ग हर कोई बस एक बार 'मालेरकोटला वाले पीर' के दर्शन को लालायित था। सूफी पीर बाबा हैदर शेख की दरगाह पर वीरवार को लगे सालाना जोड़ मेले में कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने मत्था टेक कर मुराद मांगी। बाबा की दरगाह पर श्रद्धालुओं ने चादर चढ़ाई और लंगर छका। मान्यता है, कि इस दरगाह पर मांगी गई मुराद कभी खाली नहीं जाती। तेज धूप के बीच मालवा की धरती पर सूफी पीर-फकीरों की इस सबसे बड़ी दरगाह पर हरियाणा, पंजाब के अलावा दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे। पुलिस ने गाडिय़ां दो किलोमीटर पहले ही रूकवा दी थीं। इससे आगे श्रद्धालु पैदल ही बाबा का घोड़ा अर्थात बकरे के बच्चे को गोद में उठाए आगे बढ़े। जिला पुलिस ने संगरूर, बरनाला और पटियाला की पुलिस की मदद से सुरक्षा व्यवस्था संभाली। डीएसपी रूप सिंह मोड़ ने बताया कि दरगाह में जाने वाले हर व्यक्ति की जांच की गई थी। साथ ही क्लोज सर्किट कैमरों की भी मदद ली गई। दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बठिंडा और हनुमानगढ़ की कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने लंगर के इंतजाम किए थे। शहर में डेढ़ सौ से ज्यादा जगहों पर लंगर की व्यवस्था थी।
Tuesday, June 1, 2010
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