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Tuesday, June 1, 2010

पुर्नविचार याजिका खारिज

चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पांच अतिरिक्त जिला एवं सत्र जजों की नियुक्ति को रद करने के फैसले पर पुनर्विचार के लिए डाली याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने 18 मई को फैसले में हरियाणा के पांच अतिरिक्त जिला एवं सत्र जजों का चयन और नियुक्ति रद कर दी थी। इस फैसले पर ही प्रभावित लोगों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। ज्ञात रहे कि नियुक्ति के समय सरकारी पदों पर आसीन होने के चलते पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के पांच अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की नियुक्ति रद कर दी थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले को दो माह के लिए लंबित रखते हुए चयन के समय बनी मेरिट लिस्ट में अगले पांच लोगों को चुनने के आदेश दिया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में चयन के समय सरकारी वकील और सहायक जिला अटॉर्नी के रूप में कार्यरत होने के चलते दिनेश कुमार मित्तल, राजेश मल्होत्रा, दीपक अग्रवाल, चंद्रशेखर और देसराज छलिया की नियुक्ति को हाईकोर्ट के जस्टिस प्रमोद कोहली और जस्टिस के कन्नन की खंडपीठ ने रद कर दिया था। इनमें चंद्रशेखर व देसराज छलिया हरियाणा के सहायक जिला अटॉर्नी, दीपक अग्रवाल हिमाचल प्रदेश में सहायक जिला अटॉर्नी, दिनेश कुमार मित्तल पंजाब एडवोकेट जनरल के कार्यालय और मल्होत्री सीबीआई वकील थे। इन लॉ अधिकारियों के चयन के खिलाफ हाईकोर्ट में 12 याचिकाएं दायर की गई थी। इनमें कहा गया था कि केंद्र या राज्य सरकार से वेतन पाने वाले कानूनी अधिकारियों को न्यायिक अधिकारी के पदों पर नहीं चुना जा सकता। 18 मई, 2007 को 22 न्यायिक अधिकारियों के चयन के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे। इनमें सामान्य श्रेणी में 14, अनुसूचित जाति में पांच और पिछड़ी जाति वर्ग में तीन पद भरे जाने थे। इन पदों के लिए लिखित परीक्षा 2 फरवरी, 2008 और 24 अगस्त, 2008 को ली गई थी। पांचों न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि चयन के समय सरकारी पदों पर कार्यरत होने के चलते वे इन पदों के लिए अयोग्य थे। सरकारी वेतन हासिल करने के चलते ये सरकारी अधिकारियों के लिए निर्धारित नियमों से भी बाध्य थे। अपने 87 पृष्ठों के फैसले में इन कोई ने अपने आदेश को दो माह के लिए स्थगित रखते हुए खंडपीठ ने कहा कि दो माह में हाईकोर्ट रिक्त होने वाले पांच पदों पर वैकल्पिक प्रबंध कर ले। अपने निर्देशों में हाईकोर्ट ने चयन के समय बनी मेरिट लिस्ट में चयनित लोगों के बाद पहले पांच लोगों को चुनने के भी आदेश दिए।

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