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Tuesday, June 15, 2010

'उमरां'च की राखिया है

हिसार(प्रैसवार्ता) विज्ञान ने एक बार फिर उम्र पर विजय हासिल करते हुए आई.वी.एफ तकनीक से सातरोड़ की भतेरी देवी ने 66 वर्ष की आयु में तीन बच्चों को जन्म देकर नया कीर्तिमान बनाया है। इस तकनीक से 29 मई को जन्म लेने वाले तीनों बच्चे सकुशल हैं। नैशनल फर्टीलिटी सैंटर के संचालक डा. अनुराग बिश्रोई ने ''प्रैसवार्ता" को बताया कि भतेरी देवी ने तीसरी बार गर्भधारण किया है। इससे पहले सिर्फ दो-दो भू्रण प्रत्यारोपित किये गये थे, लेकिन तीसरी बार उनकी बच्चेदानी में तीन भ्रूण प्रत्यारोपित किये गए, जिस पर भतेदी देवी ने दो लड़कों तथा एक लड़की को जन्म दिया। 21 मई 1944 को रोहतक जिला के ग्राम मदीना के लहरी सिंह दांगी के घर जन्म लेने वाली भतेरी देवी का विवाह देवा सिंह से हुआ था। देवा सिंह ने ''प्रैसवार्ता" को बताया कि भतेरी देवी से शादी उपरांत उसने दो और विवाह किये, लेकिन कोई सन्तान नहीं हुई थी, मगर अब तीनों बच्चों के जन्म से वह खुश है। डा. बिश्रोई के अनुसार आई.वी.एफ (इन विट फर्टीलाईजेशन) तकनीक से अच्छे परिणाम सामने आये हैं। वर्ष 2008 में जीन्द की राजो देवी ने 70 वर्ष की आयु में एक लड़की को जन्म दिया था। इससे पूर्व 2005 में रोमानिया की एक 66 वर्षीय महिला ने दो बच्चों को जन्म दिया था। उन्होंने बताया कि आई. वी.एफ को परखनली शिशु तकनीक कहा जाता है। इसमें पुरूष के शुक्राणु व महिला के अंडाणु प्राप्त कर उससे भू्रण तैयार करके 48 से 72 घंटे तक इंक्यूवेटर में रखने उपरांत महिला की बच्चेदानी से प्रत्यारोपित किया जाता है।

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