चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) क्या हरियाणा के सांसदों का राज्य के विकास के कुछ लेना-देना नहीं है-या फिर यह सांसद जानबूझ कर विकास से दूरी बनाये हुए है? ''प्रैसवार्ता" द्वारा एकत्रित की गई जानकारी के अनुसार सांसद व केन्द्रीय मंत्री सुश्री शैलजा ने सांसद कोटे से मिले एक करोड़ रुपये से एक भी पैसा खर्च नहीं किया, जबकि ऐसा ही सांसद भजन लाल ने किया है। सांसद जितेन्द्र मलिक ने एक करोड़ रुपये में से मात्र दो लाख, सांसद अशोक तंवर ने एक करोड़ रुपये से दस लाख, सांसद नवीन जिंदल ने दो करोड़ रुपये में से 18 लाख, सांसद श्रुति चौधरी ने दो करोड़ में से 16 लाख रुपये, सांसद एवं इन्द्रजीत सिंह ने दो करोड़ में मात्र चार लाख, सांसद अवतार भडाना ने दो करोड़ में से 90 लाख, सांसद अरविन्द्र शर्मा ने एक करोड़ रुपये में से 87 लाख तथा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने दो करोड़ रुपये से एक करोड़ 43 लाख रुपये की राशी खर्च की है। दिसम्बर 1993 में संसद ने संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना की घोषणा करते हुए प्रत्येक लोकसभा सदस्य को अपने क्षेत्र के विकास के लिए पांच लाख रुपये की राशी आबंटित करने का निर्णय लिया था और यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन थी। वर्ष 04-05 में यह राशी एक करोड़ रुपये तथा वर्ष 08-09 में दो करोड़ कर दी गई थी। इस राशी में से 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति वाले क्षेत्र के विकास के लिए खर्च करनी होती है। मंत्रालय द्वारा अगली किस्त तब जारी की जाती है, जब संबंधित सदस्य ने न्यूनतम 50 लाख रुपये की राशी खर्च कर ली है।
Tuesday, June 1, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment