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Monday, June 7, 2010

जहां बुढ़ापा पैंशन के आधे लाभपत्र फर्जी है

चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) हरियाणा राज्य के कई सरकारी विभाग वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं, वहीं समाज कल्याण विभाग में एक बहुत बड़ा घपला उजागर हुआ है। ''प्रैसवार्ता" को मिली जानकारी अनुसार पिछले दो वर्षों में बढ़ापा पैंशन के लाभपात्रों की संख्या में हुई दुगन्नी वृद्धि बढ़कर 12 लाख 53 तक पहुंच गई। प्रति मास करीब 16688 की दर से लाभपात्रों की संख्या में वृद्धि होने के चलते प्रतिवर्ष 2 लाख 10 हजार व्यक्ति 60 वर्ष की आयु सीमा में सम्मिलित होकर लाभपात्रों से जुड़ गये हैं-जबकि 15 प्रतिशत वास्तव में बुढ़ापा पैंशन लेने के अधिकार से वंचित है। आश्चर्यजनक बात यह है, कि स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा के आंकड़ों अनुसार कुल आबादी का 0.5 प्रतिशत भाग (करीब सवा लाख व्यक्ति) ही 59 वर्ष की आयु सीमा को पार करके 60 वर्ष के हुए हैं, जबकि इसके विपरीत 2 लाख दस हजार लोग पैंशन ले रहे हैं। जिक्र योग है कि प्रतिवर्ष 60 वर्ष की आयु में पहुंचने वाले सवा लाख व्यक्तियों में वह लोग भी शामिल है, जो कि बुढ़ापा पैंशन प्राप्ति के योग्य नहीं है। हरियाणा प्रदेश में कुल 18 लाख व्यक्ति भिन्न-भिन्न प्रकार की पैंशन योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, जबकि बुढ़ापा पैंशन योजना में 13 लाख के करीब लाभपात्र है। इस संबंध में ''प्रैसवार्ताÓÓ द्वारा सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण विभाग हरियाणा के कार्यालय से सम्पर्क किया गया, तो पता चला कि यह घपला पिछले वर्ष सितम्बर महीने में उस समय उजागर हुआ, जब सरकार ने दो प्रतिशत की दर से बैंकों को पैंशन बांटने का कार्यभार सौंपने का निर्णय लिया। इस निर्णय उपरांत बुढ़ापा पैंशन लाभपात्र लोगों की नई सूची बनाने तथा उंगी निशान वाले परिचय कार्ड बनाने के लिए बैंकों को एक सौ रुपये प्रति लाभपात्र के हिसाब से देने के लिए निजी कंपनियों से तालमेल किया, तब फर्जी लाभपात्र का विवरण एकत्रित करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया। कार्यालय सूत्रों अनुसार प्रारंभिक जांच दौरान यह बात सामने आई कि बुढ़ापा पैंशन लाभपात्रों के परिचय कार्ड बनाने के लिए अनुबंधित निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों को ग्रामीण स्तर पर जाकर सरपंच सहित प्रभावी व्यक्तियों की हिदायत पर जाली लाभपात्रों की जानकारी मिली। राज्य में सैकड़ों की संख्या में मृतकों को भी पैंशन दिये जाने के रहस्य से भी पर्दा उठा है। प्राप्त आंकड़ों अनुसार वर्ष 2008 में गुडग़ांव जिले की लाभपात्र संख्या 25304 थी, जो वर्ष 2010 में बढ़कर 80818 तक पहुंच गई। दो वर्षों में जिले में 55514 लाभपात्र हैं। सिरसा जिला में वर्ष 2008 में 41906 लाभपात्र थे, जो वर्ष 2010 में बढ़कर 81139 हो गये हैं। इसी प्रकार जीन्द जिले में 44327 से बढ़कर 81590, भिवानी जिले में 62861 से बढ़कर 96240 लाभ पात्र हो गये हैं। विभाग इस घपलेबाजी को रोकने के लिए पुन: बुढ़ापा पैंशन के लाभपात्रों के बैंक खाते खोलने की योजना बना रहा है।

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